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स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास :प्रो. सोमनाथ सचदेवा

उन्नत केसरी । वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 13 जुलाई: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के मेडिकल ऑफिसर गैपियो सदस्य, आर एस एस डीआई मेंबर डा. आशीष अनेजा द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर मुकुट हॉस्पिटल हार्ट इंस्टीट्यूट सेक्टर 34 चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में कुरुक्षेत्र हेल्थ सेंटर में निःशुल्क कैंप का आयोजन कराया गया जिसमें लगभग 240 मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई। कैंप की शुरुआत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा द्वारा की गई।

इस मौके पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए। ज़िन्दगी तेजी से बदल रही है, हर कोई अपने काम में व्यस्त है। इस भागती दौड़ती ज़िन्दगी में हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। हालाँकि आज कई लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं। पर हमारे देश में अधिकतर लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति उतने सजग नहीं हुए है जितना की पश्चिमी देश के लोग है। सफलता पाने के लिए स्वस्थ शरीर का होना बहुत ज़रूरी है। ज़िन्दगी में अगर आप कितना पैसा भी कमा ले पर आपने अपने स्वस्थ पर ध्यान नहीं दिया तो सफलता के कोई मायने नहीं रह जायेगे। स्वस्थ होना हमारे लिए सबसे बड़ा उपहार है व स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी सम्पति है।

कैंप के दौरान डॉक्टर अनेजा के द्वारा बढ़ती हुई जनसंख्या को लेकर लोगों के साथ अपने विचार साझा किए गए और उन्होंने बताया कि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है वहीं दूसरी ओर बढ़ती हुई जनसंख्या से अनेक परेशानियां और मुख्य रूप से आर्थिक संकट के साथ-साथ रोजगार के संसाधनों की भी मुख्य समस्या देखने को मिलती है। लोगों की सुविधा को देखते हुए इस अवसर पर डॉ अनेजा ने ब्लड प्रेशर, ईसीजी, स्पाइरोमेट्री, ब्लड शुगर, थायरॉइड, बोन डेंसिटी, न्यूरोपैथी टेस्ट, जैसे कुछ टेस्ट भी निःशुल्क किए गए क्योंकि निजी लैब में इन टेस्टों की बहुत कीमत होती है जिससे आम व्यक्ति वहन नहीं कर पाता और डॉ. आशीष का हमेशा यही प्रयास रहता है कि जरूरतमंद लोगों को अधिक से अधिक सुविधा और समय पर इलाज उपलब्ध हो।

उन्होंने कहा कि फिर से कोरोना को लेकर लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और ऐसे समय में डर की वजह हिम्मत और समझदारी से काम लेना है जरूरी होता है क्योंकि अगर देखा जाए तो बदलते हुए मौसम में खांसी जुकाम बुखार आजकल आम बात हो गई है और यह पहले भी लोगों में देखने को मिलता था लेकिन आजकल इन बीमारियों को कोरोना समझ लिया जाता है, इसलिए हमें कुछ हिदायतें बरतना जरूरी है जैसे बाहरी वस्तुओं के खानपान पर प्रतिबंध अपने शरीर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। कैंप के दौरान डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट, डॉ. भूषण हरना ने अपनी मुख्य भूमिका निभाई। डॉ. अनेजा ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा व अन्य सभी का धन्यवाद किया।

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