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समाज में सिनेमा और शिक्षा का अहम महत्व : निदेशक रमना रेड्डी

उन्नत केसरी । वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 18 मई: शिक्षा और सिनेमा दो ऐसे क्षेत्र है जो समाज को आगे बढ़ाने का कार्य निरंतर करते रहते हैं, यही कारण की समाज के लिए शिक्षा और सिनेमा का अहम महत्व पहले भी था और वर्तमान में भी है और भविष्य में भी रहेगा। ये कहना है राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के निदेशक प्रोफेसर रमना रेड्डी का जो हरियाणा कला परिषद और सोसायटी फाॅर आर्ट एंड कल्चर डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पांचवे हरियाणा अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोह के छह दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर भरतमुनि रंगशाला में मुख्यातिथि के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सिनेमा बच्चों पर अधिक प्रभाव डालता है इसलिए सिनेमा में अधिक से अधिक बच्चों को केंद्रीत कर फिल्में बननी चाहिए जिससे समाज में फैली असमानता, भूखमरी, असमान शिक्षा को दूर करने का संदेश दिया जा सके।

हरियाणवी लोक कलाकार महावीर गुड्डू ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए शहीद भगत सिंह पर रागिनी ‘सौ सौ मुश्बित पड़े जवान मै, भगत सिंह कभी जी घबरा जा बंद मकान में’ अपने साथियों के साथ भव्य प्रस्तुति देकर दर्शकों में देशभक्ति की भावना ओतप्रोत की। पांचवे अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोह के निदेशक धर्मेद्र दांगी ने फिल्म समारोह की रूपरेखा रखते हुए बताया कि हरियाणा की संस्कृति को सिनेमा के माध्यम से आगे बढ़ाने का उनका प्रयास है, यही कारण है कि वे हरियाणवी संस्कृति सिनेमा पर 2016 से निरंतर कार्य करते हुए अबतक चार फिल्म समारोह का सफल आयोजिन कर चुकेे हैं और इसी कड़ी में यह पांचवां आयोजन है जो समाज के सम्मुख प्रस्तुत है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म समारोह के माध्यम से हरियाणवी कलाकारों, निर्माताओ, संवाद लेखकों इत्यादि को प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच दिया गया है। इस भव्य मंच के माध्यम से हरियाणा के प्रत्येक कलाकार के कार्य की सराहना करना और उसे सम्मान देना मुख्य उदेश्यों में शामिल है। इस अवसर पर धर्मेंद्र दांगी निर्मित ‘वैष्णवी’, वोकल फाॅर वोकल द्ववारा समाज को देशभक्ति और सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए सराहना मिली। इस अवसर पर फिल्म निर्माता संदीप बसवाना की फिल्म ‘इसका नाम सै हरियाणा’ की पूरी फिल्म काॅस्ट मौजूद रही जिसे अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोह के निदेशक धर्मेद्र दांगी एवं उनकी टीम ने फिल्म के निर्माता संदीप बसवाना सभी कलाकारों को मंच पर सम्मानित किया।

इस अवसर कला कीर्ति भवन के निदेशक प्रौफेसर संजय भसिन ने कहा कि सिनेमा के माध्यम से समाज में भारतीय संस्कृति की अपार समझे बढ़े, कलाकारों को उनकी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले उन्हे सम्मानित किया जाये ताकि वे अधिक से अधिक समाज के लिए कार्य कर सके। इसी उदेश्यों की पूर्ति के यह फिल्म समारोह का आगाज और समापन हो यही उनकी कामना है।

फिल्म समारोह के प्रथम दिन पंद्रह फिल्मों का फिल्मांकन किया गया जिनमें जियोजंग की ‘ द लैटर, आइरिश फिल्म निर्माता इडो हर्टमैन की द सैडो आफ द सन, चाइना के फिल्म निर्माता ओलिवर हिरो की फिल्म ‘गप’, पराग्वे फिल्म निर्माता की ‘मैप टू द स्टार, अमेरिकन फिल्म निर्माता महम्मूद सलीमी की ‘नाॅट मी’, जितेंद्रा जैना की ‘शी’, इरानी फिल्म निर्माता हूमैन शाहाबी की ‘ ओनली थीस वन’ फिल्म निर्माता सुमित येमपल्लई की‘ एक कप चाय’ राजकुमार संतोषी की ‘द लिजेंड आफ भगतसिंह का फिल्मांकन किया गया। भरतमुनि रंगशाला में हो रहे इस फिल्म समारोह का मंच संचालन संयुक्त रूप से डाॅ. आबिद अली, सीमा गुप्ता ने किया जिन्होंने आजादी के महान नायकों, दिवंगत हाॅलीवुड एवं बाॅलीवुड कलाकारों की याद उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए उन्हेे सम्मान दिया। फिल्म समारोह मे महिला आदिरास समूह, हिसार ने हरियाणवी लोकगीत के माध्यमों से सभी कलाकारों, निर्माताओं, मुख्यतिथि का स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से योगेश्वर गुरुकुल के विद्यार्थी, राजकीय सीनियर सैंकडरी स्कूल बहादुर स्कूल के 55 से अधिक बच्चों ने अपने शिक्षकों संग फिल्मों का आंनद लिया इसके अतिरिक्त डाॅ. हरीश रंगा पूर्व आईजी, शुचिसमिता संगीत विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, रंगमंच कर्मी एवं सहायक प्रौफेसर डाॅ. मधु दीप सिंह, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इत्यादि दर्शक उपस्थित मौजूद है।

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