नई दिल्ली 8 मार्च 2022।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान फाउंडेशन ने यूक्रेन की युद्ध ग्रस्त परिस्थितियों को पार कर स्वदेश लौटी राजस्थान की छात्राओं के साथ “दास्तां- ए- बहादुरी” कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजस्थान के चीफ सेक्रेट्री श्रीमती उषा शर्मा ने जूम के माध्यम से जुड़ी यूक्रेन से लौटी छात्राओं की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आप सभी पर राजस्थान को गर्व है आप जैसी मजबूत और निडर बच्चियां समाज के लिए उदाहरण है, जो विदेशी धरती पर युद्ध ग्रस्त परिस्थितियों से सकुशल अपने घरों तक पहुंची हैं। श्रीमती उषा शर्मा ने इस मिशन को संभालने के लिए राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव और दिल्ली स्थित प्रमुख आवासीय आयुक्त श्रीमती शुभ्रा सिंह की सराहना करते हुए कहा कि श्री धीरज श्रीवास्तव ने जिस अपनत्व के भाव के साथ राजस्थान सहित देश के विभिन्न हिस्सों के बच्चों को यूक्रेन से सकुशल लाने के लिए दिन-रात जो मेहनत की है उन पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि श्रीमती शुभ्रा सिंह प्रमुख आवासीय आयुक्त दिल्ली का एयरपोर्ट हेल्पडेस्कों के संचालन में सहयोग सराहनीय रहा है। सभी ने मिलकर स्वदेश लौटे इन बच्चों के साथ अभिभावकों जैसा व्यवहार किया यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
जूम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित इस कार्यक्रम संचालन करते हुए राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त एवं यूक्रेन से लौट रहे राजस्थानियों की समस्त व्यवस्थाओं की देखरेख हेतु राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नोडल अधिकारी श्री धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि यूक्रेन की विकट परिस्थितियों को पार करते हुए अपने अपने घरों तक पहुंची इन बच्चियों का हौसला अफजाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस अवसर से बेहतर और क्या हो सकता है।
आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के संवेदनशील व्यक्तित्व और प्रदेश वासियों के लिए उनके हर संभव मदद करने के चिर परिचित व्यवहार से प्रेरणा लेकर ही हम इस मिशन को इतनी सफलतापूर्वक पूरा करने की दिशा में बढ़ रहे हैं हमें उम्मीद है कि जल्द ही सभी बच्चे सुरक्षित लौट आएंगे उन्होंने बताया कि यूक्रेन के शूमी एरिया में फंसे स्टूडेंट्स को निकालने का कार्य शुरू हो चुका है दो-तीन दिन में यह सभी बच्चे आप सभी के सामने होंगे उनको निकालने का ग्रीन कॉरिडोर एक्सेप्ट हो चुका है। श्री धीरज ने यूक्रेन से लौटे इन बच्चों की आगे की मेडिकल की पढ़ाई के बारे में राज्य सरकार की चिंताओं से अवगत करवाते हुए कहा कि हम भारत सरकार के साथ निरंतर संपर्क में है तथा इन बच्चों की आगे की पढ़ाई की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है उन्होंने बताया कि राजस्थान फाउंडेशन की पहल पर बनाए गए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवा दे रहे प्रवासी राजस्थानी डॉक्टर्स के समूह “डॉक्टर्स ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल (डोरी)” के “कॉल डोरी” एप पर कोई भी स्टूडेंट ऑडियो और वीडियो किसी भी माध्यम में अपने व्यक्तिगत मेडिकल कैरियर और किसी भी तरह की मानसिक, शारीरिक समस्याओं से रिलेटेड कोई भी सलाह ले सकता है।
कार्यक्रम में यूक्रेन से लौटी श्रद्धा चौधरी, आयुषी, सुरभि श्रीवास्तव, यस कंवर, महक, असिता सोनी, जूही कालरा और प्रियांशी ने कार्यक्रम के दौरान अपने अपने अनुभव शेयर किए तथा मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के संवेदनशील व्यक्तित्व से प्रेरित और निर्देशित सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई एयरपोर्ट से लेकर उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने की सारी व्यवस्थाओं की खूब प्रशंसा की।
कार्यक्रम में आशिता सोनी ने राजस्थान हेल्प डेस्क पर हुए स्वागत को अविस्मरणीय बताते हुए सलाह दी कि राज्य सरकार को हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने तथा वहां पर सीटें बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की बालिकाओं को थानों की सीएलजी कमेटियों में मेंबर बनाने की भी सलाह दी।
कार्यक्रम के दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर स्थित हेल्प डेस्क पर व्यवस्थाएं देख रही हैं सहायक आवासीय आयुक्त श्रीमती रिंकू मीणा ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि एयरपोर्ट पर जब भी हम इन बच्चियों को रिसीव करते थे तो हमें बेहद खुशी होती थी और लगता था कि ये हमारे अपने बच्चे हैं जो सकुशल वापस लौटे हैं हम इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
चूंकि यूक्रेन से लौटे ये सभी बच्चे वहां पर मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे और बीच में ही इनकी पढ़ाई बाधित हो गई है ऐसे में इन बच्चों को मेडिकल फील्ड में आगे कैसे क्या करना है इसके लिए कार्यक्रम में डॉक्टर्स ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल (डोरी) के अध्यक्ष डॉक्टर जयवीर सिंह राठौड़ ने भी ऑनलाइन यू.एस.ए. से जुड़कर बच्चों को सलाह दी।
कार्यक्रम में आवासीय आयुक्त कार्यालय में कार्यरत महिला अधिकारियों सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बसे हुए प्रवासी राजस्थानी और यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ने भी हिस्सा लिया।