केयू में वर्ल्ड डायबिटीज डे पर निशुल्क हेल्थ कैम्प का हुआ आयोजन

केयू में वर्ल्ड डायबिटीज डे पर निशुल्क हेल्थ कैम्प का हुआ आयोजन
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

उन्नत केसरी

कुरुक्षेत्र, 14 नवम्बर: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर में वर्ल्ड डायबिटीज डे पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में निःशुल्क हेल्थ कैम्प का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. आशीष अनेजा, गैपियो सदस्य, आरएसएसडीआई मेंबर एवं व उनकी टीम द्वारा लगभग 300 मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस कैंप में न्यूरोपैथी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, स्पाइरोमेट्री, बीएमडी टेस्टिंग, लिवर स्कैन, ईसीजी और कई अन्य टेस्ट निशुल्क किए गए। कैंप में डॉ. पायल और डॉ. जसकरण द्वारा फिजिशियन एंड ऑर्थोपेडिक कंसल्टेशन भी मरीजों को प्रदान की गई।

डॉ. आशीष अनेजा ने बताया कि आज के समय में डायबिटीज होना बहुत आम बात है जिस तरह का आजकल लाइफस्टाइल हो गया है उसमें डायबिटीज बहुत तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है। अधिक उम्र के लोगों को ही नहीं बल्कि आज के समय में युवा और बच्चे भी डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। यह एक ऐसा खतरनाक रोग है जो शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। अगर इसको नजरअंदाज किया जाये तो शरीर के दूसरे अंग निष्क्रिय हो सकते हैं।

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इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता, लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. अरुण केसरवानी, डॉ. परमेश, डॉ. राजेश सोबती, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, मोहन सिंह, नरेंद्र सिंह, अवतार सिंह, रूपेश, सुरेश शर्मा, वरुण, वीरेंद्र, अमित, पारस, पार्थ, देवेंद्र, अशोक, मनीषा व रितिका आदि उपस्थित रहे।

बचाव के लिए फाइबर युक्त आहार लेना जरूरी

डॉ. अनेजा ने बताया कि एक स्वस्थ जीवनशैली को अपना कर और बचाव करने के लिए कुछ तरीके जैसा की फाइबर युक्त आहार लेना जरूरी है। इसके साथ ही बाहर तैयार किया गया या डिब्बा बंद खाना न खाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें और शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें, रोजाना अपना बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) चेक करें, नियमित रूप से अपने शरीर की जांच करवाते रहें, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या पैदा होने पर तुरंत उसका पता चल जाए, तनाव को कम करने के तरीके सीखें, अपने दोस्तों व परिवारजनों के साथ समय व्यतीत करें, पसंदीदा कार्य (हॉबी) करें, योग और मेडिटेशन करें, खेल-कूद में भाग लें और मस्तिष्क को शांत करने वाली अन्य गतिविधियां करें।