प्रतियोगिताओं में भाग लेने से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है : प्रो. एआर चौधरी

प्रतियोगिताओं में भाग लेने से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है : प्रो. एआर चौधरी
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
  • केयू विधि विभाग में लॉ फेस्ट के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित

कुरुक्षेत्र, 11 मार्च: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा लॉ फेस्ट के आयोजन अवसर पर केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने बतौर मुख्यातिथि विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है। प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों की क्षमताओं का विकास भी करती है। इसलिए विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन बहुत आवश्यक है। लॉ फेस्ट के अंतर्गत विशेष रूप से इंटर मूट कोर्ट, भाषण व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर केयू स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष अनेजा ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि प्रतियोगिता में भागीदारी स्वस्थ जीवन का आधार है तथा इससे मनुष्य में शारीरिक व मानसिक विकास होता है। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यातिथि एवं विशिष्ट अतिथि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. अमित लुदरी ने मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथि तथा विशेष आमंत्रित अतिथि विधि विभाग के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व अधिष्ठाता प्रो. दलीप कुमार को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया।



विशेष आमंत्रित अतिथि प्रो. दलीप कुमार ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता वकालत व न्यायिक प्रणाली का अभिन्न हिस्सा है। इससे विद्यार्थियों में वकालत व न्यायिक क्षेत्रों में रूचि का विकास होता है।
विधि विभाग के अध्यक्ष व अधिष्ठाता प्रो. अमित लुदरी ने कहा कि विधि विभाग का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगिताओं की ओर अग्रसर करना है ताकि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सकें। कार्यक्रम में सहायक प्रो. पूजा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर डा . आशीष अनेजा, प्रो. सीआर जिलोवा, निदेशिका प्रो. सुशीला चौहान, प्रो. प्रीति जैन, प्रो. अजीत सिंह, डॉ. प्रोमिला, डॉ. सुधीर, डॉ. प्रियंका, डॉ. आरुषि मित्तल, डॉ. अंजु बाला, डॉ. प्रीति भारद्वाज, डॉ. सुनील भारती, डॉ. रमेश सिरोही, डॉ. कृष्णा अग्रवाल, डॉ. तृप्ति भारद्वाज, डॉ. पूनम शर्मा, डॉ. मोनिका, डॉ. नीरज, डॉ. संत लाल, डॉ. सुरेन्द्र, डॉ. बसन्त, डॉ, करमबीर, डॉ. रंजीता, डॉ. सुरेन्द्र कल्याण व इशु मौजूद रहे।