मोदी-शी-पुतिन एकता पर भड़के नवैरो, भारत की व्यापार नीति को बताया ‘टैरिफ का महाराजा’

अंश: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एकजुटता पर अमेरिका के पूर्व व्यापार सलाहकार पीटर नवैरो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारत की व्यापार नीति को ‘टैरिफ का महाराजा’ बताते हुए कहा कि उच्च शुल्क नीति और रूस से कच्चे तेल पर रियायत लेकर उसका परिष्करण कर प्रीमियम पर बेचने की रणनीति वैश्विक आर्थिक न्याय को नुकसान पहुंचा रही है।

उन्नत केसरी

नई दिल्ली, 02 सितम्बर। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भारत, चीन और रूस की एकता ने अमेरिकी हलकों में चिंता पैदा कर दी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में व्यापार सलाहकार रहे पीटर नवैरो ने पीएम मोदी के चीन और रूस के साथ निकट संबंधों पर सीधा हमला बोला है। नवैरो ने कहा, “यह देखना शर्मनाक है कि मोदी, शी और पुतिन के साथ खड़े हैं।”

नवैरो ने भारत की व्यापार नीति की आलोचना करते हुए कहा कि भारत अपने आयात शुल्क में बेहद सख्त है। उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका जहां व्यापार में लचीलापन दिखाता है, वहीं भारत 50 प्रतिशत तक के शुल्क लगाता है। उन्होंने इस नीति को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए बाधक करार दिया।

इसके साथ ही नवैरो ने रूस से भारत की ऊर्जा नीति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भारत रियायती दाम पर रूस से कच्चा तेल खरीदता है और उसका परिष्करण कर यूरोप, एशिया और अफ्रीका में महंगे दामों पर बेचता है। इसे उन्होंने ‘मुनाफाखोरी’ बताते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन के खिलाफ बताया।

अमेरिकी सलाहकार ने चेतावनी दी कि यदि भारत अपनी ‘टैरिफ नीति’ पर पुनर्विचार नहीं करता और अमेरिका के साथ व्यापारिक विवाद सुलझाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ता, तो इससे वैश्विक आर्थिक न्याय और व्यापार की पारदर्शिता को भारी नुकसान होगा।

विश्लेषकों का मानना है कि SCO मंच पर मोदी-शी-पुतिन की साझेदारी ने अमेरिका और उसके सहयोगियों को रणनीतिक असहजता में डाल दिया है। वहीं भारत लगातार यह रुख अपनाता रहा है कि उसकी विदेश नीति पूरी तरह से ‘राष्ट्रहित’ पर केंद्रित है, चाहे वह ऊर्जा सुरक्षा हो या व्यापार।