नई दिल्ली। दिल्ली के शिक्षा जगत के चुनौतीपूर्ण दौर में प्रगतिशील शिक्षक न्याय मंच ने जिस तरह शिक्षक एकता का परिचय दिया है, वह उल्लेखनीय है। मंच के संयोजक डॉ. प्रदीप डागर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर एकजुट होकर सामने आए।
04 दिसंबर को लोकतांत्रिक अध्यापक मंच द्वारा आयोजित एकतरफा धरने में भी प्रगतिशील शिक्षक न्याय मंच की सक्रिय भागीदारी दर्ज की गई। धरने में शामिल प्रतिनिधिमंडल में डॉ. प्रेमकुमार शुक्ला, सुमित डबास सहित मंच के कई प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। रिटर्निंग अफ़सर (RO) कार्यालय पर दिए गए इस धरने के माध्यम से शिक्षकों ने समय पर चुनाव कराए जाने की माँग को जोरदार तरीके से उठाया।
और पढ़ें:
इसी क्रम में मंच ने GSTA के न्यायिक संघर्ष में भी पूर्ण समर्थन प्रकट किया और मंच से मीडिया सचिव और कानून के जानकार राजीव मालिक के नेतृत्व में मंच के सदस्य दिल्ली उच्च न्यायालय में मौजूद रहे। ज्ञात हो कि GSTA चुनाव से जुड़ा मामला 04 दिसंबर 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन सरकारी वकील द्वारा पासओवर लेने के चलते सुनवाई की तिथि बढ़ाकर 05 दिसंबर 2025 कर दी गई।
जहाँ अन्य मंचों के बीच राजनीतिक वर्चस्व की प्रतिस्पर्धा देखी गई, वहीं प्रगतिशील शिक्षक न्याय मंच के सदस्यों ने शिक्षक हितों को सर्वोपरि रखते हुए वास्तविक एकता और सहयोग का उदाहरण प्रस्तुत किया। मंच का यह कदम शिक्षकों के बीच विश्वास, साहस और सामूहिक शक्ति को और अधिक सुदृढ़ करता है।
