उन्नत केसरी न्यूज़ । वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
- कुवि के भूगर्भ विज्ञान विभाग ने आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पबनावा गांव में कार्यक्रम आयोजित
कुरुक्षेत्र, 03 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भूविज्ञान द्वारा आजादी अमृत महोत्सव के अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव पबनावा में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने शिरकत की। कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों को बचाने के लिए युवा पीढ़ी को अपना अहम योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ डिग्रियां लेने या नौकरी लेने तक सीमित नहीं होनी चाहिए क्योंकि समाज के उत्थान के लिए शिक्षा की अहम भूमिका होती है। एक शिक्षित समाज ही विकसित राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने विद्यार्थियों को आउटरीच प्रोग्राम के लिए भेजने से पहले उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने आउटरीच प्रोग्राम ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गोद लिए हुए गांव पबनावा के लिए विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश सागवाल की अगुवाई में दल को विदा किया।
गांव पबनावा में कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश सागवाल ने की। डॉ. नरेश ने बताया कि भारतीय सपूतों की कुर्बानी की वजह से हमें जो इस स्वतंत्रता मिली है और प्राकृतिक संसाधन मिले हैं इनका सदुपयोग आने वाली पीढ़ी के लिए अनिवार्य समझा जाना चाहिए। विभाग के विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों सहित पबनावा गांव के आदर्श विद्या मंदिर, राजकीय वरिष्ठ माध्यामिक विद्यालय, पबनावा, व आर्य पब्लिक स्कूल चंदलाना आदि स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग, भाषण आदि विधाओं के जरिए ग्रामीण लोगों को प्राकृतिक संसाधनों के सही इस्तेमाल के बारे में अवगत कराया। भूगर्भ विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने गांव के सभी स्कूलों के बच्चों के साथ मिलकर एक विशाल रैली का आयोजन किया और नारे लगाते हुए गांव के एक छोर से दूसरे छोर तक गांव के लोगों को प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे डॉ. महावीर सिंह तकनीकी अधिकारी सिंचाई विभाग, हरियाणा सरकार ने बच्चों को पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि आजादी से लेकर अब तक भूजल की स्थिति कैसे बदल रही है, इस पर गांव के बुजुर्गों के साथ गहन चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि अगर इसी प्रकार से हम पानी का दोहन करते रहे तो आने वाले समय में यह बहुत जल्द खत्म हो जाएगा। अतः आज के दिन हम सबको प्रण लेना होगा कि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों को संजो कर रखें, उनके सही उपयोग के लिए दूसरों को भी प्रेरित करें।
इस मौके पर डॉ ओम प्रकाश ठाकुर ने भी संसाधनों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर बच्चों द्वारा बनाए गए पोस्टर व स्लोगन राइटिंग की प्रतियों को जांचने के लिए सहायक प्रोफेसर सरिता मान, यशपाल, पर्यंत अश्वनी, डॉ. राजेश रंगा, जयपाल व डॉ. योगेंद्र ने विशेष भूमिका निभाई। डॉ. सतीश कुमार ने कार्यक्रम में शामिल हुए विभिन्न स्कूलों, भूविज्ञान विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से आए हुए शिक्षकों, विद्यार्थियों, गांव के गणमान्य व्यक्तियों एवं शोधार्थियों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर भूविज्ञान विभाग के शिक्षक प्रोफेसर एआर चौधरी, सहायक प्रोफेसर सरिता मान, यशपाल, प्रयन्त अश्वनी, स्वाति राना, आदर्श स्कूल के प्रबंधक कुलदीप, प्रधानाचार्या मनीषा, महेंद्र सिंह, रा.मा.वि. की मुख्याध्यापिका अविनाश, शिक्षक अनिल, बलबीर सिंह व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शोधार्थी मौजूद रहे।