उन्नत केसरी । वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
मध्यप्रदेश सीहोर: मध्यप्रदेश के जिला सीहोर की अतरलिया मंडी में श्री साधना धाम आश्रम में आज गुरुपूर्णिमा का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आश्रम की महंत व संत महामंडल की अध्यक्षा महामंडेलश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि जी महाराज ने सभी की मंगलकामना के लिए प्रभु से प्रार्थना की ओर सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। स्वामी विद्यागिरि जी महाराज ने बताया कि हमारे भारतवर्ष में आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। आज भी सभी मत, पंथ और संप्रदाय में गुरु पूर्णिमा को बड़े धूमधाम से श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
आषाढ़ पूर्णिमा को ही महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था। उन्होंने ही वैदिक ऋचाओं को एकत्रित कर चार वेदों की रचना की। इस कारण उन्हें महर्षि वेद व्यास भी कहते हैं। उन्होंने ही महाभारत, 18 पुराणों व 18 उप पुराणों की रचना की थी जिनमें भागवत पुराण जैसा अतुलनीय ग्रंथ का भी समावेश है।
वैदिक ज्ञान को धरातल में लानेवाले वेदव्यास को आदिगुरु की संज्ञा दी गई है और उन्हीं के सम्मान में व्यास पूर्णिमा को ‘गुरु पूर्णिमा’ के नाम से मनाया जाता है।
करता करे न कर सके, गुरु करे सो होय। सात द्वीप नौ खंड में, गुरु से बड़ा न कोय।
आश्रम परिसर में स्वामी विद्यागिरि जी महाराज के सानिध्य में सत्संग और महिला कीर्तन मंडली ने मंगल गीत भजन सुनाए और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे आसपास के काफी गांव के गांववासियों ने भंडारे प्रसाद का सेवन कर महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।