नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2025।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज शिक्षा निदेशालय के तत्वावधान में प्रस्तुत की गई संगीतमय नृत्य-नाटिका “नमो यमुनोद्धारिणे” ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। यह भव्य प्रस्तुति भारतीय संस्कृति, नदियों की पवित्रता और पर्यावरणीय चेतना का अनूठा संगम बनी।
इस नृत्य-नाटिका में माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण से लेकर श्रीकृष्ण द्वारा कालिया नाग मर्दन जैसे पौराणिक प्रसंगों को मनोहारी नृत्य शैलियों और भावपूर्ण अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। गुजरात के डांडिया नृत्य, ब्रज के रास और माँ यमुना के तट पर होने वाले छठ पर्व के मधुर गीतों ने इस प्रस्तुति को और भी सजीव बना दिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल—साबरमती रिवरफ्रंट परियोजना, नमामि गंगे अभियान तथा माँ यमुना स्वच्छता कार्यक्रम—को सांस्कृतिक रूप में अभिव्यक्त करना था। नृत्य-नाटिका ने पवित्र नदियों के पुनरुद्धार और संरक्षण के संदेश को प्रभावी ढंग से जन-जन तक पहुँचाया।

इस प्रस्तुति का निर्देशन श्री रूपेश यादव, प्रधानाचार्य, एस.बी.वी. एच ब्लॉक सुल्तानपुरी ने किया। इसमें दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों के लगभग 150 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनका मार्गदर्शन निदेशालय के 30 शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री आशीष सूद ने बच्चों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी प्रस्तुतियाँ देश की सांस्कृतिक जड़ों को सुदृढ़ करती हैं और युवाओं में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का भाव जगाती हैं।
समापन पर दर्शकों ने “नमो यमुनोद्धारिणे” की इस सजीव नृत्य-नाटिका को भारत की नदियों को समर्पित एक सांस्कृतिक अमृतधारा बताया।
