1 अक्टूबर, रोहतक। श्री रामलीला उत्सव कमेटी रोहतक द्वारा आयोजित पुरानी आई.टी.आई ग्राऊंड सरकुलर रोड पर स्थित रामलीला महोत्सव एवं दशहरा मेला में आज छठे दिन सीता हरण का कलाकारों के द्वारा बहुत ही सन्दर ढंग से मंचन किया गया। रामलीला रात्रि 9 बजे से शुरू होकर रात्रि 12 बजे तक दिखाई जाती है। मीडिया प्रवक्ता राजीव जैन ने बताया आज सानिध्य पुलिस अधीक्षक चरखी दादरी दीपक गहलावत आई.पी.एस., ज्वाईंट कमीशनर इंकम टैक्स सीमा गहलावल गरिमय उपस्थित पूर्व सांसद सुनिता दुग्गल, उद्घाटनकर्ता समाजसेवी उद्योगपति दीपक जैन, मुख्य अतिथि सीनियर एडवोकेट डा. आदिश अग्रवाल, अति विशिष्ट अतिथि सी.ए. सुनील जैन उत्सव कमेटी के संरक्षक प्रसिद्ध समाज सेवी उद्योगपति राजेश जैन, प्रधान सुभाष तायल ने फीता काटकर रामलीला का उद्घाटन किया व रामलीला का शुभारंभ किया और सभी अतिथियों ने श्रीराम जी की संगीतमय महाआरती की। रामलीला में दिन प्रतिदिन शहरवासियों की भीड बढती जा रही है। और रामलीला शहरवासियों के लिये मुख्य आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। नवरात्रों के शुभ अवसर पर लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। कलाकारों के द्वारा सीता हरण का मंचन देखकर शहरवासी भाव विभोर हो गए।
आज सीता हरण में राम- लक्षण सीता घूमते घूमते पंचवटी में पहुंच जाते हैं तो वहां पर रावण की बहन सूर्पणखा आ जाती है और राम जी से कहती है कि मुझसे शादी कर लो। मैं बहुत सुन्दर हूं रामजी कहते हैं देवी मैँ तो शादीशुदा हूं मेरे साथ में मेरी पत्नी सीता भी है तुम मेरे छोटे भाई लक्ष्मण के पास चली जाओ शायद कुछ बात बन जाए। सूर्पणखा कहने लगी क्या लक्ष्मण अकेले हैं राम जी बोले इस समय तो अकेले है फिर वह लक्ष्मण के पास चली गई और शादी का प्रस्ताव रखा। लक्ष्मण का स्वभाव शुरू से ही क्रोधित था, लक्ष्मण ने गुस्से मे आकर उसकी नाक काट डाली। सर्पूणखा रोती रोती अपने भाई खरदूषण के पास गई। उन्होंने जाकर अपनी कटी हुई नाक दिखाई उसी समय खरदूषण गुस्से में लाल पीले होकर युद्ध के लिए राम लक्ष्मण के पास आ गए और युद्ध करने लगे। युद्ध में खरदूषण को मार गिराया फिर वह रोती रोती अपने बडे भाई रावण के पास गई और जाकर के सारा हाल बताया रावण कहने लगा बहन तुम चिंता न करो मैं अभी जाकर राम की पत्नी सीता का हरण कर लूंगा तभी मेरे दिल को शान्ति मिलेगी। यह कहकर रावण अपने मामा मारिछ के पास चला जाता है और कहता है तुम जाकर सोने का मृग बन जाओ किसी तरह भी राम लक्ष्मण को सीता से दूर ले जाओ ताकि मैं अकेली सीता को पाकर उसका हरण कर सकूं। इस प्रकार मारिछ सोने का मृग बनकर के वहां पर राम लक्ष्मण सीता बैठे है चला जाता है मृग की देखकर सीता राम को कहती है मुझे यह बहुत सुन्दर लगता है इसकी पकडकर के तो आओ। सीता की बात मानकर राम मृग के पछे जाते है। राम की आवाज में मृग जो कि राक्षस के रूप में बना हुआ था राम का बाण उस पर लग जाता है बाण लगते ही मारीछ राम की आवज में पुकारता है भैया लक्ष्मण मुझे बचाओ यह सुनकर सीता का मन विचिलत हो जाता है और घबरा जाती है और लक्ष्मण से कहती है आपके भाई के प्राण संकट में है आप जल्दी से उनकी रक्षा के लिए चले जाओ। लक्ष्मण ने कहा माता जी आप चिन्ता न करे भगवान राम की संसार में कोई भी हानि नहीं पहुंच सकता, बार- बार समझाने पर सीता नहीं मानी फिर लक्ष्मण जी एक रेखा खींचकर चले जाते हैं। राम लक्ष्मण की अनुपस्थिति होने के बाद सीता को अकेली देखकर रावण बाबा जी के वेश में आता है और सीता को हर के ले जाता है।
मंच का संचालन सतीश भारद्वाज व विजय गुप्ता बाबा ने किया। श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा सभी अतिथियों को मोतियों की माला, बैज, पटका, शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्य संरक्षक राजेश जैन, प्रधान सुभाष तायल, शंकर लाल मित्तल, जयभगवान ऐरन, गुलशन निझावन, मनोज जिंदल, अनिल बंसल, मीडिया राजीव जैन, विजय बाबा, राजेश गुप्ता, रमेश रोहिल्ला, सुनील बल्ली, राकेश खुराना, विपिन गोयल, विनय गोयल, कुलदीप गुप्ता, राम कुमार पंचाल, सन्नी निझावन, प्रेमचंद गर्ग, सोनू जैन, राजन गोयल, अशीष गर्ग, दिनेश तायल, अंकित गर्ग, योगेश अरोड़ा, वरूण शर्मा, नरेश शर्मा, सुशील मंगला, दिनेश तायल, संदीप, शीतल, उमा गोयल, मीनाक्षी, मीना सिंगल, मोहित गुप्ता, आदि उपस्थित थे।