भारत सांस्कृतिक, कूटनीतिक एवं आर्थिक आधार पर पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा

भारत सांस्कृतिक, कूटनीतिक एवं आर्थिक आधार पर पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

  • कुवि के राजनीति विज्ञान विभाग एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एलुमनी एसोसिएशन के तत्वावधान में ‘शी स्पीक्स’ नामक व्याख्यान श्रृंखला का हुआ शुभारम्भ

कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि पिछले कुछ दशकों में भारत की स्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्यधिक सुदृढ़ हुई है। उदाहरण के तौर पर रूस यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में अत्यधिक दबाव के पश्चात भी भारत ने स्वयं के राष्ट्रहित को सर्वाेपरि रखते हुए अपने पक्ष को विश्व पटल पर मज़बूती से रखा है। वे सोमवार को विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में कुवि के राजनीति विज्ञान विभाग एवं विश्वविद्यालय एल्युमनी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘शी स्पीक्स’ नामक व्याख्यान श्रृंखला के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कोविड महामारी के समय भारत की हाथ जोड़ कर नमन करने कि परंपरा को पूरे विश्व ने सराहा क्योंकि यह नमन करने की एक संक्रमण मुक्त शैली है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं की उत्कृष्टता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक, कूटनीतिक एवं आर्थिक शक्ति के बल पर पुनः विश्व गुरु बनने के पथ पर अग्रसर है।

उन्होंने विभाग द्वारा इस श्रृंखला को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक पहल बताते हुए सराहना की। कुलपति ने इस अवसर पर आयोजकों को बधाई दी तथा आशा व्यक्त की, कि इस प्रकार के व्याख्यान विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने कि दिशा में प्रोत्साहित करेंगे।
इस श्रृंखला की पहली कड़ी में श्वेता सिंह ने “लिफ्टिंग द वेळ: एमइए, डिप्लोमेसी एंड द इंडियन फॉरेन सर्विस” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। गौरतलब है कि श्वेता सिंह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पूर्व शिक्षक हैं तथा वर्तमान में विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान एवं ईरान विभाग की निदेशक के रूप में कार्यरत्त हैं। अपने व्याख्यान के माध्यम से उन्होंने विद्यार्थियों को विदेश मंत्रालय की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी दी। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को, विशेषकर महिला विद्यार्थियों को विदेश सेवा में आने के लिए प्रेरित किया तथा दृढ निश्चय के साथ अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्साहित किया। श्वेता सिंह ने विदेश सेवा में करियर बनाने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी तथा एक महिला विदेश सेवा अधिकारी होने के नाते आने वाली चुनौतियों से विद्यार्थियों को अवगत कराया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्रो. राजबीर यादव ने कहा कि बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य में भारत की विदेश नीति में भी आवश्यक बदलाव आये हैं। उदाहरण के तौर पर भारतीय विदेश नीति गुट निरपेक्षता से बहु संरेखण, गैर परमाणु से परमाणु तथा सुरक्षात्मकता से निश्चयात्मकता कि दिशा में अग्रसर है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद थे।