उन्नत केसरी न्यूज़। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
- संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के कंट्री निदेशक व पूर्व छात्र बिशू पराजुली ने किया धरोहर संग्रहालय का अवलोकन
कुरुक्षेत्र, 12 मई: संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के कंट्री निदेशक एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 1979-81 बैच के पूर्व छात्र बिशू पराजुली ने कहा कि धरोहर संग्रहालय को स्थापित कर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हरियाणा की कला एवं संस्कृति को नए आयाम देने का कार्य किया था। मुझे यहाँ एक अदभुत एहसास हुआ है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हरियाणा की कला एवं संस्कृति की विरासत को धरोहर संग्रहालय के रूप में संजोया है। इसके लिए मैं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को बधाई देता हूँ। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के धरोहर संग्रहालय के अवलोकन के दौरान बोल रहे थे।
बिशू पराजुली ने कहा कि इस धरोहर संग्रहालय के माध्यम से युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति व इतिहास से रूबरू होने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनका नाता भी नेपाल के एक छोटे से गांव से रहा है और पिता भी कृषि क्षेत्र से जु़ड़े थे। आज यहां आकर मेरी पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। मैने यहां पर जो उपकरण, वस्त्र और प्राचीन कलाकृतियां देखी हैं वह नेपाल के कृषि उपकरणों से काफी मेल खाती हैं। हमारी संस्कृतियों के बीच में बहुत कुछ समान है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की 65 वर्षाे की यात्रा जो कि चित्रों के माध्यम से सजाई गई है एवं स्वतंत्रता सेनानियों की गैलरी देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है यह सब चित्र बहुत ही शानदार अनुभव व अहसास करवाते हैं। मनुष्य चाहे कितनी भी तरक्की कर ले व आधुनिकता की ओर चला जाए पर उसे ताकत व दिशा उसकी सांस्कृतिक विरासत से ही मिलती है।
उन्होंने कहा कि यहां की पुरानी हवेलियों के दरवाजों पर की गई मीनाकारी व काश्तकारी बिल्कुल नेपाल में की गई काश्तकारी के नमूने जैसे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति हमेशा मिल-जुलकर रहने की रही है। समाज में जिस तरह से आज विकृतियां बढ़ रही हैं, ऐसे में जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए ऐसे संस्थानों की स्थापना करना जरूरी है। उन्होंने धरोहर के क्यूरेटर डॉ. विवेक चावला व उनकी टीम को इसके लिए बधाई दी। इस मौके पर उनके साथ प्रो. ब्रजेश साहनी, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, डॉ. विवेक चावला व कुलदीप मौजूद थे।