डिजीटलाईजेशन से कुवि की कार्यप्रणाली में गुणवत्तात्मक सुधार होगाः प्रो. सोमनाथ सचदेवा

डिजीटलाईजेशन से कुवि की कार्यप्रणाली में गुणवत्तात्मक सुधार होगाः प्रो. सोमनाथ सचदेवा
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
  • कुवि के आईक्यूएसी सेल द्वारा आईयूएमएस पोर्टल संबंधित बैठक आयोजित

उन्नत केसरी

कुरुक्षेत्र, 9 सितम्बर: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा (VC Prof Somnath Sachdeva) ने कहा कि डिजीटलाईजेशन होने से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यप्राणाली में गुणवत्तात्मक सुधार होगा तथा इससे विश्वविद्यालय कर्मचारियों के कार्य में पारदर्शिता, समय की बचत एवं उनकी क्षमता बढ़ेगी। वे सोमवार को फैकल्टी लॉज में आईक्यूएसी सेल द्वारा कुवि के डीन, विभागाध्यक्षों, उप-कुलसचिव, सहायक कुलसचिव व अधिकारियों के लिए आईयूएमएम पोर्टल के सम्बंध में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। कुवि को एनआईआरएफ रैंकिंग में 41वां रैंक प्राप्त हुआ जिसका सर्टिफिकेट सोमवार को प्राप्त हुआ और बैठक में आईक्यूएसीसेल के निदेशक प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को इसको भेंट किया।

कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय का पूर्णतया डिजीटल करने के उद्देश्य से आईयूएमएस पोर्टल बनाया गया है जिससे विश्वविद्यालय (KUK Kurukshetra) का सम्पूर्ण डाटा डिजीटल रूप में उपलब्ध रहेगा। समय-समय पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा विश्वविद्यालय से डाटा मांगा जाता है और इसको एकत्रित करने में बहुत समय एवं संसाधन लगते हैं। डिजीटल प्लेटफार्म पर डाटा आने के बाद यह सब प्रक्रिया सरल होगी और समय तथा संसाधनों की बचत होगी।

इस अवसर पर आईक्यूएसी सेल के निदेशक प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा (Vice Chancellor Prof. Somnath Sachdeva) का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से यह बड़ा कार्य सम्पन्न हो पाएगा और विश्वविद्याय वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर होगा।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. अनिल वोहरा, प्रो. सुनील ढींगरा, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. राकेश कुमार, प्रो. अनिल मित्तल, प्रो. रीटा, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, अरविंद कुमार सहित डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष, अधिकारी, उप-कुलसचिव, सहायक कुलसचिव मौजदू थे।