- मध्य प्रदेश न्यायायिक सेवा में प्राप्त किया 22 वां रैंक
- माता पिता पुलिस में सेवारत, दादा थे सैनिक
कुरुक्षेत्र, 28 अप्रैल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पांच वर्षीय बीएएलएलबी में वर्ष 2014 में प्रवेश लेकर 2019 में विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक विजेता प्रियंका वर्मा ने प्रथम प्रयास में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा में 22 वां रैंक प्राप्त किया है। वर्ष 2020 – 2021 में पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से एल एल एम किया। पहले ही प्रयास में यूजीसी नेट और जेआरएफ उत्तीर्ण किया। प्रियंका वर्मा के दादा कली राम खिप्पल एक सैनिक थे जबकि पिता डॉ. अशोक कुमार वर्मा हरियाणा पुलिस में उप निरीक्षक हैं और अब वे हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो में जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी के रूप में नियुक्त हैं। उनकी माता सुषमा वर्मा विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में नियुक्त हैं। प्रियंका वर्मा को बधाई देने के लिए दादी मूर्ति देवी, बुआ कमलेश वर्मा, चाचा विनोद कुमार वर्मा, चाची अंजू एवं गीता परिवार सहित उनके निवास पुलिस लाईन में धूमधाम से पहुंचे और शुभकामनाएं दी। प्रियंका वर्मा से वार्तालाप में उन्होंने कहा कि चयन का श्रेय भगवान की कृपा, माता पिता का आशीर्वाद, अध्यापकों का मार्गदर्शन, भाई बहन और दोस्तों का सहयोग है। किसी व्यक्ति की सफलता का श्रेय उसके समस्त परिवार के सहयोग और त्याग का परिणाम होता है। पिता डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने वार्तालाप में बताया कि उन्होंने बच्चों को बहुत पहले कह दिया था कि वे केवल उन्हीं शिक्षा और साधारण सुविधाएं ही दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने उनके लिए किसी भी प्रकार का धन संचय नहीं किया है और तुम्हें अपने बल पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है। वे केवल सीमित भौतिक सुख सुविधाएं ही दे सकते हैं और सादा जीवन जीने में विश्वास करते हैं। यही कारण है कि वे अधिकतर साईकिल पर चलते हैं। आज दिन भर उनके निवास पर बधाई देने वाले महानुभाव पहुंचे। बधाई देने वाले में न्यायाधीश के माता पिता बृजेश शर्मा, डॉ. भारतेन्दु हरीश, डॉ. अरुण धीमान, दीपक चिब सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।