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रोहतक स्थित दिव्य योग मंदिर में 75वां वार्षिकोत्सव एवं योगाचार्य अशोक जी महाराज का निर्वाण दिवस श्रद्धापूर्वक सम्पन्न

उन्नत केसरी

रोहतक, 27 सितम्बर 2025। गोहाना अड्डा स्थित दिव्य योग मंदिर में शनिवार को 75वां वार्षिकोत्सव और ब्रह्मलीन योगाचार्य अशोक जी महाराज का चतुर्थ निर्वाण दिवस श्रद्धा व भव्यता से मनाया गया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्णलाल मिड्ढा मुख्य अतिथि रहे।

डॉ. मिड्ढा ने अपने संबोधन में कहा कि आज की भागदौड़ और तनावपूर्ण जिंदगी में योग ही सम्पूर्ण कायाकल्प का मार्ग है। उन्होंने योग को भारत की परंपरा का अभिन्न अंग बताते हुए इसे तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली और मानसिक अशांति से मुक्ति दिलाने वाली रामबाण औषधि बताया।

पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी अपने संबोधन में मंदिर और गुरुओं से अपने गहरे पारिवारिक जुड़ाव को भावुकता से याद किया और कहा कि उनके जीवन में मिली सफलता गुरुजनों के आशीर्वाद का परिणाम है।

प्रातःकाल कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान योगाचार्य स्वामी अमित देव जी के सानिध्य में हुआ, जिसमें आरती, पूजन, गुरु गीता पाठ और योग प्रदर्शनी आयोजित की गई। इसके बाद आयोजित भव्य भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

स्वामी अमित देव जी ने अपने ब्रह्मलीन पिता योगाचार्य स्वामी सुरेंद्र जी महाराज को नमन करते हुए कहा कि गुरुजनों के आशीर्वाद से वे योग प्रचार-प्रसार के माध्यम से मानव कल्याण का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने युवा योगाचार्यों कार्तिकेय और नित्यानंद की साधना की भी सराहना की।

समारोह का विशेष आकर्षण रहे विश्वप्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर जी, जिन्होंने गुरुदेव योग योगेश्वर देवीदयाल जी महाराज से प्राप्त अपने जीवन अनुभव साझा किए और बताया कि उनकी सफलता का आधार गुरु का आशीर्वाद ही रहा है। उन्होंने जादू के अद्भुत प्रदर्शन कर उपस्थित जनों को मोहित किया और कहा कि वास्तविक जीवन की पूर्णता केवल योग साधना से संभव है।

कार्यक्रम में अनेक पूज्य संत-महात्माओं और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमामय बना दिया। इनमें महंत रामसुखदास महाराज, सिद्ध महंत बाबा कमल पुरी जी, महामंडलेश्वर स्वामी राघवेंद्र भारती जी, ब्रह्मकुमारी आश्रम से बहन वंदना देवी, विधायक भारत भूषण बत्रा सहित कई संत और समाजसेवी शामिल रहे।

समारोह ने यह संदेश दिया कि योग ही मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक उत्थान का सर्वोत्तम मार्ग है और यही जीवन को सुख, शांति और आनंद से भर सकता है।

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