गीता का उपदेश जगत कल्याण का सात्विक मार्ग और पूरा ज्ञान का कुंड है : महंत बंशी पुरी

उन्नत केसरी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
  • श्रीअवधूत आश्रम में विश्व कल्याण के लिए गीता महायज्ञ में संत समाज द्वारा डाली गई पूर्ण आहुतियां
  • विशाल भंडारे के साथ संपूर्ण हुआ गीता महायज्ञ

कुरुक्षेत्र 12 दिसंबर : श्री अवधूत आश्रम कुरुक्षेत्र में चल रहे गीता महायज्ञ में विश्व कल्याण के लिए आज संत समाज द्वारा पूर्ण आहुतियां डाली गई।
षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक महंत बंशी पुरी महाराज ने कहा कि गीता का उपदेश जगत कल्याण का सात्विक मार्ग और पूरा ज्ञान का कुंड है।
अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज ने कहा कि आज वर्तमान जीवन में मनुष्य को जरूरत है अपने भीतर और बहार दोनों का संतुलन बनाने की।
उन्होंने कहा कि मनुष्य अपना ये संतुलन रोजमर्रा के काम करते हुए प्राप्त कर सकता है, और अपने आप को रूपांतरित कर सकता है। कोषाध्यक्ष महंत महेश मुनि महाराज ने कहा कि यज्ञ से पर्यावरण के साथ मन की भी शुद्धि होती है।

षडदर्शन साधुसमाज के मुख्यालय श्रीअवधूत आश्रम पिहोवा मार्ग नरकातारी कुरुक्षेत्र पर संत समाज द्वारा गीता महोत्सव पर विश्व कल्याण सुख शांति के लिए गीता महायज्ञ में संत महामंडल की अध्यक्ष महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि जी महाराज, षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक महंत बंशी पुरी जी महाराज के मार्गदर्शन में अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज के सानिध्य में महंत गुरुभगत सिंह, महंत महेश मुनि, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, डा. गार्गी ब्रह्मवादिनी, प्रो. बाबा चेतन मुनि, महंत सुनील दास, महंत विशाल दास, महंत स्नेह दास, स्वामी लखन पुरी इत्यादि श्रद्धालु, संत महात्माओं ने यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली।

गीता महायज्ञ में यज्ञाचार्य पण्डित सोमदत्त एवं आचार्य मनीष मिश्रा द्वारा प्रतिदिन प्रातः 9 बजे गीता पूजन के साथ प्रथम अध्याय से 18 वें अध्याय तक के 700 श्लोकों से संत समाज एवं श्रद्धालुओं द्वारा दिन में तीन बार आहुतियां डाली गई और विशाल भंडारे के साथ यज्ञ सम्पन्न हुआ।