वेद मंत्रोच्चारण और शंख ध्वनि के बीच तीर्थ पूजा कर शुभारंभ हुआ दो दिवसीय वामन द्वादशी मेला

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

उन्नत केसरी

  • एसडीएम सुरेंद्र पाल, भाजयुमो जिला प्रधान रूबल शर्मा और स्वामी रोशन पुरी ने दीप प्रज्वलित किया वामन पुराण कथा का किया शुभारंभ

कुरुक्षेत्र, 25 सितंबर: वेद मंत्रों के उच्चारण और शंख ध्वनि के बीच सोमवार को थानेसर के एसडीएम सुरेंद्र पाल, भाजपा जनता मोर्चा के जिला प्रधान रूबल शर्मा तथा स्थाणेश्वर मंदिर के व्यवस्थापक स्वामी रोशन पुरी ने सन्निहित तीर्थ की पूजा कर दो दिवसीय वामन द्वादशी मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर शंख ध्वनि से वातावरण गुंजायमान हो गया। इस अवसर पर श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा, प्रधान श्याम सुंदर तिवारी तथा प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा के नेतृत्व में सभा के सदस्यों ने अतिथियों का फूल माला भेंटकर स्वागत किया। इसके पश्चात उत्तरी भारत के प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य शुकदेव ने व्यास पीठ से वामन पुराण की कथा का शुभारंभ तीनों अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके किया।

वामन द्वादशी मेले के शुभारंभ अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यातिथि एसडीएम सुरेंद्र पाल ने कहा कि मेले हमारी प्राचीन संस्कृति का अंग हैं। सनातन परंपराएं मेलों से जुड़ी हुई हैं। ऐसे मेलों के आयोजन से युवा पीढ़ी में धार्मिक भावना उत्पन्न होती है और अपनी सनातन परंपराओं का ज्ञान होता है। उन्होंने कहा कि सभा ने 2 वर्ष पूर्व इस मेले का पुनर्जागरण करके बड़ा सराहनीय कार्य किया था। सुरेंद्र पाल ने कहा कि सभा सनातन परंपरा को संजोकर रखने के लिए बेहतर कार्य कर रही है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला प्रधान रूबल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें यह सौभाग्य मिला है कि वे वामन द्वादशी मेले का तीर्थ पूजन करके शुभारंभ कर रहे हैं।

इसके लिए सभा के सदस्यों के हृदय से आभारी हैं। रूबल शर्मा ने कहा कि सरकार सनातन परंपराओं को संजोए रखने के लिए सराहनीय कार्य कर रही है। वामन द्वादशी के मेले के आयोजन से युवा पीढ़ी को सनातन परंपराओं का ज्ञान मिलता है। कथा के मुख्य यजमान स्वामी रोशन पुरी ने वामन भगवान का विस्तृत उल्लेख करते हुए कहा कि अपने कर्तव्य का पालन करना ही धर्म है। विष्णु भगवान ने राजा बलि का अहंकार तोडऩे के लिए वामन के रूप में अवतार लिया था। कुरुक्षेत्र का वामन पुराण से गहरा संबंध है। विष्णु का वामन अवतार कुरुक्षेत्र की भूमि में ही हुआ था, वह अदिति के पुत्र थे। उन्होंने कहा कि श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने इस मेले का पुनर्जागरण करके श्रेष्ठ कार्य किया है वे इस कार्य में सभा को हर किस्म का सहयोग देते रहेंगे।

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व्यास पीठ से वामन पुराण की कथा का शुभारंभ करते हुए आचार्य शुकदेव ने कहा कि वामन अवतार सतयुग के प्रारंभ में हुआ। विष्णु भगवान के दिव्य रूप की व्याख्या ही वामन पुराण है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र मे ही यह अवतार हुआ था। सबसे पहले पोल्त्सय ऋषि ने नारद जी को वामन पुराण की कथा सुनाई। वामन पुराण में शैव शक्ति की कथाएं भी हैं। इसमें वामन भगवान का विस्तृत वर्णन है। उन्होंने कहा कि राजा बलि का अहंकार तोडऩे के लिए विष्णु भगवान ने वामन के रूप में अवतार लिया। राजा बलि ने महाभारत कालीन 48 कोस की कुरुक्षेत्र भूमि में ही अपना यज्ञ करवाया था। कुरुक्षेत्र की महिमा का वर्णन करते हुए व्यास पीठ से आचार्य शुकदेव ने कहा कि कुरुक्षेत्र में देवताओं का वास है यहां जो जन्म लेता है वह देवलोक से आया होता है। यहां के मानव, पशु, पक्षी सभी देवता हैं। यहां जो ब्राह्मण जन्म लेता है वह ब्रह्मा से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की भूमि ब्रह्मा की भूमि है। कथा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने वामन पुराण की कथा श्रवण की।

आज मंगलवार 26 सितंबर को निकलेगी वामन भगवान की भव्य शोभायात्रा

मंगलवार को श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा द्वारा नगर की प्रमुख धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से वामन भगवान की भव्य शोभायात्रा दोपहर 2 बजे दुख भंजन मंदिर से शुरु होगी। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, श्री जयराम संस्थाओं के अध्यक्ष ब्रह्मचारी ब्रह्मस्वरुप तथा स्थाणेश्वर महादेव मंदिर के महंत बंसीपुरी के सानिध्य में पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा मुख्यातिथि के रुप में शामिल होकर शोभायात्रा को रवाना करेंगें। शोभायात्रा नगर के प्रमुख बाजारों से होती हुई सायं साढे 5 बजे सन्निहित सरोवर पर पहुंचेगी जहां जवान भगवान का नौका विहार करवा जाएगा। इसके बाद तीर्थ आरती होगी जिसमे उपायुक्त शांतनु शर्मा मुख्यातिथि होंगे। शोभा यात्रा का विभिन्न स्थानों पर धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक संस्थाओं द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा। इस दौरान ड्रोन से शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा की जाएगी। वामन भगवान की पालकी को कंधो पर उठाकर ले जाया जाएगा।