एनआईटी कुरुक्षेत्र में विश्व सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देने में भगवद गीता की भूमिका पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

एनआईटी कुरुक्षेत्र में विश्व सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देने में भगवद गीता की भूमिका पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

कुरुक्षेत्र : मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभागए एनआईटी कुरुक्षेत्र ने 10.11 मार्च 2022 को एनआईटी कुरुक्षेत्र में विश्व सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देने में भगवद गीता की भूमिका पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संगोष्ठी का उद्देश्य भगवद गीता की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना था। पृथ्वी पर शांतिपूर्ण और संतुष्ट जीवन सुनिश्चित करने में।
11 मार्च 2022 को कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत सत्र प्प्प् से हुई। इस सत्र को डॉ. नरेश भार्गवए रजिस्ट्रार श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र हरियाणा और डॉ. विकास चौधरी प्रोफेसर और प्रमुख मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग और कार्यशाला के अध्यक्ष ने संबोधित किया। वक्ताओं ने हमारे चरित्र निर्माण में गीता की शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया। वक्ताओं ने श्रोताओं को बताया कि कैसे गीता के कुछ श्लोकों का आह्वान करके गीता के मूल्यों को आत्मसात करके लोगों के बीच सुरक्षा और शांति लाई जा सकती है। वक्ताओं ने गीता के उद्देश्य और हिंसा मुक्त समाज की स्थापना में इसकी भूमिका पर भी जोर दिया। चूंकि यूक्रेन और रूस एक दूसरे के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं और पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है और इस परिदृश्य में यह कार्यशाला और अधिक प्रासंगिक हो जाती है। तो आइए हम एक बार फिर अपने धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र से श्रीमद्भगवद गीता के माध्यम से शांति का संदेश फैलाएं।

सत्र.प्ट को डॉ. पंकज गुप्ता निदेशक आईवीएफ अस्पताल अलवर और डॉ. विवेक शर्माए निदेशक रेजोनेंस क्लासेस और द्रोणाचार्य अकादमी ने संबोधित किया। अपने संबोधन मेंए वक्ताओं ने हमारे जीवन में भगवद गीता के महत्व पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने श्रोताओं को गीता के कई पहलुओं से अवगत कराया और इस बात पर प्रकाश डाला कि इसे अध्ययन की किसी भी शाखा अर्थात भौतिकीए रसायन विज्ञानए जीव विज्ञानए अर्थशास्त्र और वाणिज्य से जोड़ा जा सकता है। सत्र में माननीय निदेशकए प्रो बीवी रमना रेड्डी और उनकी पत्नी ने भी भाग लिया।
सत्र प्ट के बाद पैनल चर्चा हुईए जिसे डॉ. राम कृष्ण गोस्वामीए संस्थापक अध्यक्ष भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान दिल्ली डॉ.सीडीएस कौशल केयू कुरुक्षेत्र और डॉ. विवेक शर्माए निदेशकए रेजोनेंस क्लासेस और द्रोणाचार्य अकादमी ने संबोधित किया। पैनलिस्टों ने गीता की प्रासंगिकताए भगवद गीता और नैतिक मूल्यों और विश्व शांति में गीता की भूमिका से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर सोम नाथ सचदेवा कुलपति कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालयए कुरुक्षेत्र थे और इसकी अध्यक्षता भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष डॉण् राम कृष्ण गोस्वामी ने की। प्रोण् सोम नाथ सचदेवा ने अपने संबोधन में हमारे दैनिक जीवन में भगवद गीता की प्रासंगिकता को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है जिससे श्रोताओं को पता चला कि गीता के मूल्यों को विकसित करके लोगों के बीच सुरक्षा और शांति कैसे लाई जा सकती है। उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन की पहल करने के लिए प्रो. बीवी रमना रेड्डी माननीय निदेशक और कार्यशाला अध्यक्ष प्रो. विकास चौधरी और मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभागए एनआईटी कुरुक्षेत्र को बधाई दी।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *