नवरात्रि के 7वें दिन: माँ कालरात्रि का आशीर्वाद

नवरात्रि के 7वें दिन: माँ कालरात्रि का आशीर्वाद

उन्नत केसरी

नई दिल्ली। शारदीय नवरात्री (Sharad Navratri 2023) का महापर्व चल रहा है, जहाँ हर दिन भक्त माँ के 9 स्वरूपों में की विशेष उपासना कर अपनी मंनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। शारदीय नवरात्री का 7वां दिन 21 अक्टूबर 2023 को है। नवरात्रि का सातवां दिन, माँ कालरात्रि (Maa Kalratri) के आगमन के साथ हमारे जीवन में नए आशीर्वादों और पौराणिक महत्व के साथ आता है। माँ कालरात्रि, नवदुर्गा की सातवीं अवतार है, और इस दिन उनका पूजन किया जाता है। इस दिन का महत्व वेदों, पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से बताया गया है, जिसके साथ ही यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

माँ कालरात्रि का रूप और महत्व

माँ कालरात्रि का रूप विशालकाय, काली रंग की, और दिव्य अस्त्रों और मुक्ताहारों से सजे हुए होते हैं। उनकी एक आंख की दृष्टि से जब वह अपने भक्तों की ओर कुछ करती हैं, तो वह दुखों और भय को दूर करती हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती हैं। माँ कालरात्रि का नाम ख़ली होने के बावजूद उनका स्वरूप अत्यधिक दयालु होता है और उन्होंने अपने भक्तों के लिए सब कुछ समर्पित किया है।

नवरात्रि के इस दिन का आध्यात्मिक महत्व

नवरात्रि के सातवें दिन का पावन महत्व है, जिसे हम समझेंगे। इस दिन का आध्यात्मिक महत्व विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है:

  1. माँ कालरात्रि की पूजा: नवरात्रि के सातवें दिन, भक्त देवी कालरात्रि की पूजा करते हैं। इस पूजा में माँ कालरात्रि का प्रतिमा पूजा जाता है, और उन्हें फूल, धूप, दीप, और बिल्व पत्ते से अर्चना की जाती है।
  2. देवी का आशीर्वाद: माँ कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को सभी दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। वह अपने भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान करती हैं ताकि वे अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकें।
  3. ध्यान और तप: इस दिन, भक्त ध्यान और तप करके अपने आत्मा को पवित्र करते हैं। इसके द्वारा, वे अपने मानसिक और आध्यात्मिक जीवन को सुधारते हैं और माँ कालरात्रि के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए तैयार होते हैं।
  4. परंपरागत रूप से मान्यता: नवरात्रि के सातवें दिन को मान्यता और परंपरागत तरीके से मनाने के लिए लोग अपने घरों को सजाते हैं, दिव्य गीता और पौराणिक कथाओं की सुनाई जाती है, और माँ कालरात्रि की पूजा करते हैं।

नवरात्रि के सातवें दिन का महत्व हमारे जीवन में एक नए आरंभ की ओर इशारा करता है। यह एक दिव्य पर्व है जो हमें अपने आत्मा की शुद्धता की ओर आगाह करता है और हमें सभी प्रकार के बुराई से मुक्ति दिलाता है। माँ कालरात्रि के आशीर्वाद से हमारी शक्ति और साहस बढ़ जाते हैं, जो हमें अपने जीवन के सभी पहलुओं में सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं।

उन्नत केसरी से जुड़ें; फॉलो करें हमारा फेसबुक पेज

इस सातवे दिन को ध्यान, पूजा, और भक्ति के साथ मनाकर हम अपने जीवन को धार्मिकता और सद्गुणों से भर देते हैं, जिससे हम एक खुशहाल और सफल जीवन जी सकते हैं। इस नवरात्रि, हम सब अपने जीवन को दिव्यता के साथ भरने का प्रयास करें और माँ कालरात्रि के आशीर्वाद को प्राप्त करें, ताकि हम सदैव सफल और खुशहाल रहें।