उन्नत केसरी
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
- त्रिकालदर्शी संत थे बाबा सीता राम जी

कुरुक्षेत्र 6 अप्रैल: कुरुक्षेत्र के किर्मच मार्ग एनआईटी गेट के सामने बाबा सीता राम आश्रम समाधि स्थल पर ब्रह्मलीन बाबा सीता राम जी का वार्षिक भंडारा आयोजित हुआ।
उपरोक्त जानकारी देते हुए आश्रम के प्रधान यश पाल अग्रवाल अधिवक्ता ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आज प्रातः सुंदरकांड का पाठ हवन किया गया।
इस अवसर पर षडदर्शन साधुसमाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने बताया कि बाबा सीताराम जी इस धरती पर एक त्रिकालदर्शी संत थे जिनको हमारे प्राचीन ग्रंथो के इलावा हर प्रकार के ग्रंथो का ज्ञान था और गीता तो उनके हर समय छाती पर (हृदय से स्पर्श ) बंधी रहती थी और कंठस्थ थी।
दिखने में वे एक साधारण से संत लगते थे। बाबा जी के कई चमत्कार देखने को मिलते थे। उनका नगर के प्रसिद्ध वैद्य पण्डित जादो राम कौशिक, डॉ. रूप कुमार शर्मा, पीताम्बर सैनी अधिवक्ता से विशेष लगाव रहा और उनके निवास स्थान पर भी वो अधिक समय तक रहे और अंत समय में उन्होंने अपना शरीर पीताम्बर सैनी के यहां त्याग दिया।
पीतांबर सैनी के खेतों में ही बाबा सीताराम का आश्रम और समाधि स्थल बना हुआ है जहां उनके अनेकों भगत बाबा की समाधि स्थल पर आते है और आशीर्वाद पाते है हर वर्ष उनके निमित वार्षिक भंडारे का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, यशपाल अग्रवाल अधिवक्ता, बलदेव राज चोपड़ा, मदन लाल सैनी, हनी सैनी, अजय कुमार, कुलभूषण, अशोक कुमार, नरेंद्र कुमार शर्मा, कृष्ण लाल लाकड़ा, यश पाल कक्कड़,डॉ. सुभाष शर्मा परिवार वैभव शर्मा अधिवक्ता, डा. अरुण शर्मा, सुषमा शर्मा, आशुतोष शर्मा इत्यादि काफी संख्या में गणमान्यजनों ने बाबा के समाधि स्थल के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।