श्रीलंका के लोकसभा अध्यक्ष को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने सौंपी पवित्र ग्रंथ गीता की प्रति

श्रीलंका के लोकसभा अध्यक्ष को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने सौंपी पवित्र ग्रंथ गीता की प्रति
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
  • श्रीलंका में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ संपन्न हुआ अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
  • शोभा यात्रा, शिल्प बाजार, पुस्तक मेला रहा आकर्षण का केंद्र

उन्नत केसरी

कुरुक्षेत्र 4 मार्च: गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता तमाम मानव जाति के लिए है, यह पवित्र ग्रंथ किसी एक व्यक्ति विशेष या किसी एक देश के लिए नहीं है, अपितु इस पवित्र ग्रंथ के उपदेशों में पूरे विश्व की समस्याओं का समाधान निहित है। इसलिए पूरे विश्व को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों से शांति का संदेश मिलता है और जो मानव उपदेशों को अपने जीवन में धारण कर लेता है, वह व्यक्ति और देश हमेशा आगे की तरफ बढ़ता है।

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद सोमवार को श्रीलंका की संसद समिति के हॉल में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड व प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने केडीबी और प्रदेश सरकार की तरफ से श्रीलंका के लोकसभा अध्यक्ष को पवित्र ग्रंथ गीता की प्रति सौंपी है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से ही श्रीलंका में 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव के सफल आयोजन के बाद श्रीलंका की संसद में पवित्र ग्रंथ गीता को स्थापित करने के लिए श्रीलंका लोकसभा के अध्यक्ष को पवित्र ग्रंथ गीता की प्रति सौंपी गई है। इस ग्रंथ के माध्यम से अब श्रीलंका के प्रत्येक नगरवासी को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों के बारे में श्रीलंका सरकार की तरफ से जानकारी दी जाएगी और प्रत्येक मनुष्य को गीता के उपदेशों से आत्मसात होने का अवसर मिलेगा।



उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और केडीबी के सहयोग से मॉरिशिस, लंदन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का सफल आयोजन किया जा चुका है। मुख्यमंत्री की सोच है कि हरियाणा की पावन धरा कुरुक्षेत्र में दिए गए गीता उपदेशों को विश्व के हर मानव तक पहुंचाया जाए। इस विषय को लेकर ही हर साल अलग-अलग देशों में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है और सभी देशों की संसद में पवित्र ग्रंथ गीता को स्थापित करने के लिए पवित्र ग्रंथ गीता की प्रति सौंपी गई है। इस विश्व में श्रीलंका ही ऐसा देश है, जिस देश के नाम के आगे श्री लिखा गया है। इस देश में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के हर क्षण को यादगार बनाने के लिए श्रीलंका की सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों ने उल्लेखनीय योगदान दिया है। इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल और कुरुक्षेत्र 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार और केडीबी के सहयोग से श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 1 से 3 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में शोभा यात्रा, पुस्तक मेला, शिल्प मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आकर्षण का केंद्र रही। इन प्रतियोगिताओं में हजारों की संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया और शोभा यात्रा में जो सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए वे अदभुत और अविस्मरणीय थे। इस मौके पर केडीबी के सदस्य सचिव विकास गुप्ता, केडीबी की सीईओ डा. वैशाली शर्मा, केडीबी के पूर्व सदस्य विजय नरूला श्रीलंका के अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद थे।