कुरुक्षेत्र में संत भड़के, बाबा बागेश्वर पर सुशील गुप्ता की टिप्पणी से खफा

कुरुक्षेत्र में संत भड़के, बाबा बागेश्वर पर सुशील गुप्ता की टिप्पणी से खफा

कुरुक्षेत्र, 23 मई
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

  • बाबा बागेश्वर को “तू पागल, तेरा बाप पागल” कहना सनातन धर्म का अपमान
  • सुशील गुप्ता माफी मांगें नहीं तो साधु-संत सड़कों पर उतरेंगे

उन्नत केसरी

जगद्गुरु रामभद्राचार्य के शिष्य और हनुमान जी के अनन्य भक्त बाबा बागेश्वर जी महाराज श्री धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कांग्रेस-आप गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता द्वारा “तू पागल, तेरा बाप पागल” जैसी अभद्र टिप्पणी किये जाने से देश भर का संत समाज भड़क उठा है। उन्होंने एक स्वर में कहा कि सुशील गुप्ता की टिप्पणी सनातन धर्म का अपमान है, जो कांग्रेस पार्टी और आम आदमी की प्रवृत्ति प्रतीत होती है। कुरुक्षेत्र की धरती पर आज देश भर से जुटे संतों ने सुशील गुप्ता से तत्काल माफी मांगने को कहा है अन्यथा वे सड़कों पर उतरेंगे।

धर्मनगरी के एक होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दशनामी संप्रदाय, निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद जी महाराज ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि बाबा बागेश्वर जी महाराज हमारे कुरुक्षेत्र आए, जिनको सुनने के लिए पूरे हरियाणा की जनता लाखों की संख्या में आई। इस धरती पर गीता का जन्म हुआ है, जो हमें वसुधैव कुटुम्बकम् की नीति सिखाता है और सबके सम्मान, प्यार, करुणा और मैत्री का संदेश देता है।

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का जन्म सृष्टि से हुआ है और लोकतंत्र की भावना इसमें समाहित है। यही वजह है कि यह सबके कल्याण की सोचता है और एक विकासशील विश्व का निर्माण सनातन सिद्धांतों से ही संभव है। हमारे लिए संविधान सर्वोच्च है और हम चाहते हैं कि प्रत्येक धर्म के लोग संविधान के अनुसार चलते हुए अपने-अपने धर्मों के नियमों का पालन करें जबकि अन्य धर्मों का जन्म बुद्धि से हुआ है, जहां ऐसा कुछ नहीं है।

शाश्वतानंद जी महाराज ने कहा कि बाबा बागेश्वर जी महाराज पागल बोलते हैं तो उसका अर्थ है सच को पाना, जिस भावना को एक सनातनी ही समझ सकता है। जैसे सबरी और मीरा ने समझा था। सुशील गुप्ता ने इस भावार्थ को समझे बगैर न सिर्फ बाबा बागेश्वर बल्कि उनके पिता पर भी अभद्र टिप्पणी कर दी है। यह उनकी ही नहीं बल्कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की भी मानसिकता है। ऐसी वाणी उनकी होती है, जो बौखलाए होते हैं। कांग्रेस सदैव अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ रही। उसने भगवान राम को काल्पनिक बताया और सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर न बने, इसके 24-24 वकील खड़े किये। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल जेल से निकलते हैं तो हनुमान जी की कृपा बताते हैं और उनकी ही पार्टी के नेता और कुरुक्षेत्र से लोकसभा प्रत्याशी सुशील गुप्ता परम हनुमान भक्त बाबा बागेश्वर को “तू पागल, तेरा बाप पागल” बोल रहे हैं। इससे एक बात साफ है कि सुशील गुप्ता के मन में देश की संस्कृति के प्रति सम्मान नहीं है। यह विरोधाभास है, जो साफ बताता है कि वे हनुमान जी का नाम लेकर छल कर रहे हैं।



आम आदमी पार्टी के मुखिया ने बेटे के सिर पर हाथ रखकर कहा था कि वे बंगला, गाड़ी नहीं लेंगे लेकिन आज वो क्या हैं, उससे बच्चा-बच्चा वाकिफ है। ये लोग भोले-भाले देशवासियों को बहका कर उनका शोषण करते हैं। मां सरस्वती की कृपा से उनकी वाणी ही उनकी पोल खोल रही है। कुमार विश्वास ने भी आरोप लगाया था कि इनके संबंध खालिस्तानियों से हैं, जिसका जवाब आज तक उन्होंने नहीं दिया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर रामभद्राचार्य ने कहा कि सनातन धर्म सभी के कल्याण के लिए सोचता है और एकात्म मानवतावाद व राम के मूल्यों के अनुरूप समानता आधारित समाज की कल्पना करता है। सनातन व्यवस्था को दरकिनार किये जाने के कारण ही 2014 तक सामरिक समेत अनेक मामलों में भारत विदेशों पर निर्भर था। लेकिन आज हम हथियारों का निर्यात कर रहे हैं, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम राजनीति में नहीं बल्कि नीति में हैं। देश की जनता को सतर्क करने के लिए सक्रिय हुए हैं, उन तत्वों से बचाने के लिए जो धर्मांतरण, सांस्कृतिक पतन की साजिशें रच रहे हैं। इस अवसर पर अनेक अन्य संतों ने हुंकार भरी कि सनातन संस्कृति कालजयी है। इसे समाप्त करने की सोच रखने वाले ही समाप्त हो जाएंगे। ऐसी शक्तियां हरियाणा में घुसने की फिराक में हैं और इन्हें रोकने का एकमात्र माध्यम। 25 मई को होने वाला मतदान है। एक-एक व्यक्ति देश और समाज के हित में सोचने वाले व्यक्ति के पक्ष में वोट करे और जिन्होंने 500 वर्षों बाद भगवान श्री राम को कुटिया से उनके भवन में पहुंचाया, उनकी सरकार बनाएं, तभी ये देश महान बनेगा और दुनिया में शांति, समृद्धि का राज स्थापित होगा।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर राघवेंद्र भारती, रमन गुरु जी, महंत महेश मुनि, महंत ईश्वर दास, महंत तरणदास, महंत हरि नारायण ,स्वामी हरिओम परिव्राजक, महंत वासुदेवानंद गिरि, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, महंत कृष्णानंद हिसार, महंत सुनील दास फल्गू तीर्थ, महंत राम अवतार, महंत विशाल दास समेत देशभर से आए अनेक संत उपस्थित थे।