अध्यात्म जगत के प्रमुख स्तंभ हैं :महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास महाराज

अध्यात्म जगत के प्रमुख स्तंभ हैं :महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास महाराज

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

उन्नत केसरी

उत्तरप्रदेश (वृन्दावन): परिक्रमा मार्ग ( निकट यमुना पुल ) स्थित श्रीनील माधव कृपा धाम में मोहड़ा धाम (अंबाला) पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास महाराज (Peethadhyaksh Mahamandaleswar Swami Vikas Das Maharaj) के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतर्गत देश के विभिन्न प्रांतों से आए असंख्य भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत का रसपान कराया जा रहा है। इस महोत्सव का शुभारंभ श्रीधाम वृन्दावन की गाजे-बाजे के साथ हुई पंच कोसी परिक्रमा के साथ किया गया।

व्यासपीठ पर आसीन महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास महाराज (Mahamandaleswar Swami Vikas Das Maharaj) ने कहा कि श्रीमद्भागवत भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का वांग्मय स्वरूप है। इसमें सभी धर्म ग्रंथों का सार निहित है। इसीलिए इसे पंचम वेद माना गया है। इसका श्रवण करने वाले व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। साथ ही उसके पापों का हरण हो जाता है।

महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज एवं ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी (Dr Gopal Chaturvedi) ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास महाराज धर्म व अध्यात्म जगत के प्रमुख स्तंभ हैं। इनके द्वारा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व पंजाब आदि प्रांतों में स्थित आश्रमों के द्वारा अनेक सेवा प्रकल्प संचालित किए जा रहे हैं। जिनसे असंख्य व्यक्ति लाभान्वित हो रहे हैं।महाराजश्री बहुत शीघ्र श्रीधाम वृन्दावन में भी अपने सेवा कार्यों को विस्तार देने जा रहे हैं।

ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ व प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद (Dwarika Anand) ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास महाराज सहजता, सरलता व उदारता की प्रतिमूर्ति हैं।इन्होंने समूचे विश्व में श्रीकृष्ण भक्ति की लहर को प्रवाहित करने का जो संकल्प लिया हुआ है, वो अति प्रशंसनीय है।

इस अवसर पर ऊना के प्रख्यात संत बाल बाबा, आचार्य अंशुल पाराशर, आचार्य मुरारी, आचार्य नीलेश, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा एवं कुरुक्षेत्र स्थित श्याम प्रेमी परिवार के कथा यजमान उपस्थित रहे।