योग दिव्य मंदिर, श्रीगंगानगर में स्वामी अमित देव जी के सान्निध्य में हवन व भंडारे का भव्य आयोजन

उन्नत केसरी

श्रीगंगानगर, 6 अक्टूबर। योग और अध्यात्म के संगम स्थल योग दिव्य मंदिर, श्रीगंगानगर में रविवार को हवन और भंडारे का भव्य आयोजन हुआ। यह पावन अवसर श्रद्धा, सेवा और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक बन गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान योग संस्थान, श्रीगंगानगर के उपाध्यक्ष एवं प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर जी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया।

कार्यक्रम की विशेषता रही परम पूज्य स्वामी अमित देव जी महाराज का पावन सान्निध्य। योग योगेश्वर महाप्रभु श्री देवीदयाल जी महाराज के पावन पौत्र के रूप में स्वामी जी ने अपने प्रवचनों और आध्यात्मिक उपदेशों से उपस्थित श्रद्धालुओं को जीवन में योग, भक्ति और सेवा के महत्व का संदेश दिया। मंदिर परिसर में स्वामी जी के आगमन पर राजस्थान योग संस्थान के पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में भक्तों ने उनका भव्य स्वागत किया।

स्वामी जी ने कहा कि “योग केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा के मिलन का सेतु है। जब मनुष्य अपनी ऊर्जा को सेवा, साधना और प्रेम में लगाता है, तभी उसका जीवन सफल होता है।” स्वामी जी के इन प्रेरणादायक वचनों से उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो उठा।

हवन कार्यक्रम प्रातः 9:30 बजे आरंभ हुआ, जिसमें वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच भक्तों ने आहुति देकर शांति, समृद्धि और प्रभु कृपा की कामना की। इसके उपरांत दोपहर 12 से 1 बजे तक भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।

कार्यक्रम के संचालन और आयोजन में जादूगर सम्राट शंकर जी की भूमिका विशेष रही। अपनी कर्मनिष्ठा और समर्पण से उन्होंने न केवल कार्यक्रम का मार्गदर्शन किया, बल्कि राजस्थान योग संस्थान, श्रीगंगानगर को योग और सेवा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रेरणा भी दी। शंकर जी ने कहा कि “स्वामी अमित देव जी महाराज जैसे संत समाज को सकारात्मक दिशा देते हैं और युवाओं को अध्यात्म से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।”

इस अवसर पर डॉ. उम्मेदसिंह शेखावत, महामंत्री, राजस्थान योग संस्थान, श्रीगंगानगर सहित कई पदाधिकारी और भक्तगण उपस्थित रहे। पूरे आयोजन में मंदिर समिति और स्वयंसेवकों का विशेष सहयोग रहा।

कार्यक्रम का समापन भक्तों के सामूहिक जयकारों “जय श्री प्रभु जी की” के साथ हुआ, जिससे पूरा वातावरण भक्तिभाव और आध्यात्मिक आनंद से परिपूर्ण हो गया। श्रद्धालुओं ने कहा कि स्वामी अमित देव जी महाराज का श्रीगंगानगर आगमन शहर के लिए आशीर्वाद के समान है।