दिल्ली के कृष्ण विहार में शान से खड़ा है विशाल अमरुद का पेड़

दिल्ली के कृष्ण विहार में शान से खड़ा है विशाल अमरुद का पेड़
  • उन्नत भारत सेवाश्री सम्मान से किया जाएगा सम्मानित
  • महिला ने प्रेम से सींचकर बनाया विशालकाय अमरुद का पेड़

12 जुलाई, दिल्ली। दिल्ली के कृष्ण विहार इलाके के एक अनूठी खबर सामने आई है। यहाँ प्रेमवती जी जो एक हरियाणा मूल की महिला हैं, उन्होंने करीब 20 साल पूर्व अपने दिवंगत पुत्र की याद में एक पेड़ लगाया था। जिस पेड़ को उन्होंने जीवन भर सींचा। आज यह पेड़ एक सामान्य अमरुद के पेड़ से काफी बड़ा हो गया। इसकी अनुमानित ऊंचाई 35 फुट से भी अधिक मानी जा रही है।

प्रेमवती ने जिस प्यार और ममता से इस पेड़ की देखभाल की उसके लिए उन्हें उन्नत भारत सेवाश्री सम्मान (Unnat Bharat Sewashree Awards 2023) से भी नवाज़ा जाएगा। संस्था के युवा अध्यक्ष अखिल नाथ द्वारा उनके अवार्ड की घोषणा की गयी है। इस अवसर पर उन्नत भारत संगठन के युवा अध्यक्ष अखिल नाथ (Youth President Akhil Nath) द्वारा प्रेमवती जी के साथ एक साक्षात्कार भी किया गया, जो जल्द ही कई चैनल पर प्रसारित किया जाएगा।

प्रेमवती जी के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे, जिसके कारण उनके ह्रदय में देश प्रेम की भावना और परवरण सुधार का भाव भी सदैव ही रहा है। गाँधी जी की अहिंसावादी विचारधारा और सत्यपथ उनके जीवन का अभिन्न अंग है।

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बता दें की प्रेमवती ने लगभग 20 वर्ष पहले जब उनके छोटे बेटे की मृत्यु हुई तो उसकी याद में उन्होंने इस वृक्ष को लगाया। प्रेमवती का कहना है की उन्होंने इस वृक्ष को दूध, दही, पानी सहित प्रेम और स्नेह से सींचा है। उनका कहना है की यह वृक्ष विश्व भर में सबसे बड़ा अमरुद का पेड़ है। उन्होंने इस वृक्ष को लिम्का बुक में दर्ज़ करवाने के लिए भी भेजा है, जिसकी कार्यवाही जारी है।

बता दें की प्रेमवती के इस कारनामे को देश भर में सराहा जा रहा है। युवा अध्यक्ष अखिल नाथ ने प्रेमवती जी से मिलकर उनके अवार्ड की घोषणा की एवं इस विशालकाय अमरुद के पेड़ को स्वयं देखा। उन्नत भारत सेवाश्री राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा प्रेमवती जी का चयन समाज रत्न अवार्ड हेतु किया गया है।

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इस विशाल अमरुद के पेड़ को सींच कर उन्होंने समाज के समक्ष प्रेम और पर्यावरण सुधार की मिसाल पेश की है। जिसके लिए उनको दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में सम्मानित किया जाएगा। देश भर से चुनी गयी 25 विभूतियों को इस सम्मान से हर वर्ष नवाज़ा जाता है, जिनमे से प्रेमवती जी अपने आप में एक मिसाल हैं।