दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दिलशाद गार्डन स्थित दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान का किया दौरा

Source: गौरव राय, दिल्ली

दिल्ली 18 मई: दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के डॉक्टरों ने आग्रह किया कि संस्थान में अलग से एक पैलिएटिव केयर यूनिट हो साथ ही बेड्स की संख्या में भी इजाफा करने की जरूरत है। इतना ही नहीं, इसके लिए कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ानी होगी।

संस्थान ने चिंता जाहिर किया कि कैंसर के बड़े हॉस्पिटल में से एक होने के बावजूद यहां क्लिनिकल हेमैटो ऑनकोलॉजी के फैकल्टी नहीं जिससे कि ब्लड कैंसर के मरीजों का इलाज नहीं हो पाता और न ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो पा रही है। डीएससीआई में गायनी ऑनको सर्जन भी बस एक ही हैं।

संस्थान के निदेशक डॉ. किशोर और बाकी फैकल्टी ने श्री गोयल से स्टाफ की कमी को दूर करने में मदद की भी गुजारिश की। रेडियो डायग्नोसिस और न्यूक्लीयर मेडिसिन विभाग में भर्ती की जरूरत है। साथ ही, विभाग में कई पुराने उपकरणों को भी जल्द से जल्द बदलने की जरूरत है। इसमें रेडियो थेरेपी मशीन भी शामिल है।

क्लिनिकल ऑनकोलॉजी की प्रमुख प्रज्ञा शुक्ला ने विशेष अनुरोध किया कि इस संस्थान में भी कर्मचारियों के लिए प्रमोशन पॉलिसी और उनको स्थाई करने की दिशा में भी पहल अगर मुमकिन हो तो किया जाय। तर्क के तौर पर कहा कि 10 -12 साल से कर्मचारी एक ही पद पर कार्य कर रहे हैं। इस संस्थान में भी AIIMS की तरह की प्रमोशन पॉलिसी का प्रावधान किया गया था MoA में।कई पद स्वीकृत हैं पर भरे नहीं जा रहे अभी तक। श्री राम निवास गोयल अर्चना नाम की उस मरीज़ से मिलने वार्ड में भी गए जिसको ऑपरेट करके संस्थान ने 22 किलो का ट्यूमर निकाला है पत्रकारों से बातचीत के दौरान श्री गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि देश के 60 % मरीज़ के इलाज का बोझ दिल्ली पर है। हमने स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने की दिशा में पहल की है और परिणाम भी सामने है।

दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. किशोर सिंह ने आश्वासन दिया कि कुछ सर्विसेज जो कोरोना के साथ कई अन्य कारणों के चलते अस्पताल में बंद थी वो जल्द ही बहाल हो जाएंगी। इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉक्टर किशोर सिंह के अलावा संयुक्त निदेशक डॉक्टर रविन्द्र सिंह, सर्जिकल ऑनकोलॉजी की प्रमुख डॉक्टर विनीता जग्गी, आदि मौजूद थे।