आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग व्यवसायों के लिए गेम-चेंजिंग : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
केयू यूनिवर्सिटी ऑफ स्कूल मैनेजमेंट द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में इनोवेटिव टेक्नोलॉजिकल एप्लीकेशंस रीशेपिंग मॉडर्न बिजनेस (आईटी-आईटीएआरएमबी) विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सम्मेलन आयोजित।
उन्नत केसरी
कुरुक्षेत्र, 15 मार्च: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग व्यवसायों के लिए गेम-चेंजिंग तकनीक के रूप साबित हुई है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने का कार्य किया है। वे शुक्रवार को केयू सीनेट हॉल में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), एनडब्ल्यूआरसी, चंडीगढ़ के तत्वावधान में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित इनोवेटिव टेक्नोलॉजिकल एप्लीकेशंस रीशेपिंग मॉडर्न बिजनेस (आईटी-आईटीएआरएमबी) विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि इस आधुनिक तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के आने से व्यापार और वित्त जगत ने बड़े पैमाने पर सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि आधुनिक व्यवसाय को नया आकार देने वाले नवोन्मेषी तकनीकी अनुप्रयोग का विशेष महत्व रहा है। यह ज्ञानवर्धक कार्यक्रम द्वारा नवीन तकनीकी प्रगति के भविष्य और इसकी चुनौतियों की समीक्षा द्वारा बिजनेस सहित अन्य क्षेत्रों में सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में यूएसएम की अध्यक्ष प्रोफेसर निर्मला चौधरी ने प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों का औपचारिक स्वागत किया। सम्मेलन के संयोजक प्रो. सिद्धार्थ एस. भारद्वाज ने इस दो दिवसीय सम्मेलन के विषय से व्यावहारिक रूप से अवगत कराया। इस शैक्षणिक समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. रविंद्र बलियाला, हरियाणा सरकार के एससी आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव बुद्धि का विकल्प नहीं है; बल्कि यह मानव शक्ति और सरलता को मजबूत करने का एक उपकरण है।
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मुख्य वक्ता, रजनेश दत्त, सीओओ, बॉम्बे डाइंग ने अपनी कॉर्पोरेट सफलता के मंत्र साझा करते हुए कहा कि एआई जैसे उपकरण हमारे दोस्त भी हो सकते हैं और दुश्मन भी। आईसीएसएसआर (उत्तर पश्चिमी क्षेत्र) के निदेशक डॉ. संजय कौशिक ने ऑनलाइन जुड़कर कहा कि इस तरह के अभूतपूर्व तकनीकी विकास और बी-स्कूलों के मुख्य पाठ्यक्रम के बीच एक संबंध होना चाहिए क्योंकि ये प्रगति न केवल व्यावसायिक उद्योग को बल्कि शैक्षणिक संस्थानों के कामकाज के तरीके को भी आकार देगी।
जितेंद्र सेन शारदा (1976-78 बैच के गौरवान्वित पूर्व छात्र) ने भी अपने विचार रखे व सभी अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति में चयनित शोध पत्रों का एक संपादित संस्करण भी जारी किया गया। पूर्ण सत्र में, उद्योग जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां नितिन शाही, कार्यकारी निदेशक, फिनडॉक वित्तीय सेवा समूह और सुरभि सिंह, एमसीसी, कार्यकारी कोच और सलाहकार द्वारा ने वर्तमान अनुकूलनीय प्रौद्योगिकियों पर प्रकाश डाला।
तकनीकी सत्र में कुवि के पर्यटन और होटल प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहिंदर चंद, अध्यक्ष ने सत्र की अध्यक्षता की और डॉ. अजय सुनेजा, प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, ने इसकी सह-अध्यक्षता की। आयोजन सचिव डॉ. अजय सोलखे, संयुक्त सचिव डॉ. भंवर सिंह और डॉ. विवेक कुमार, सभी संकाय सदस्यों और पूरी आयोजन टीम के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप यह सम्मेलन वास्तव में एक सफल प्रयास रहा। दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अकादमिक पेशेवरों और कॉर्पोरेट चिकित्सकों द्वारा 150 से अधिक विद्वतापूर्ण और अनुभवजन्य पेपर प्रस्तुत किए गए।