वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
- काशी से लौटने पर हुआ महंत बंसीपुरी जी महाराज व संतों का स्वागत
कुरुक्षेत्र : महाभारतकालीन श्री स्थाणेश्वर महादेव मन्दिर और कई प्राचीन मंदिरों की महंती संभाल रहे महंत बंसीपुरी जी महाराज अब पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के तहत काशी के प्राचीन बिहारीपुरी मठ की कमान भी संभालेंगे। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने महंत बंसीपुरी को बिहारीपुरी मठ का महंत नियुक्त किया है। महंत बंसीपुरी पिछले कई दिनों से काशी में ही थे । बुधवार को स्थाणेश्वर महादेव मन्दिर पहुंचने पर उनके अनुयायियों व संतों ने उनका जोरदार अभिनंदन किया। बताया जाता है कि पहले इस मठ की कमान महंत प्रभातपुरी के पास भी रह चुकी है। उसके बाद महंत जयकिशनपुरी ने मठ की महंती संभाल ली। अब उनके देहावसान के बाद महंत की जिम्मेदारी पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने महंत बंसीपुरी महाराज को सौंपी है। महंत बंसीपुरी प्राचीन स्थाणेश्वर महादेव मन्दिर , पक्षीराज मंदिर , दक्षिण काली पीठ पिहोवा, करनाल धनीपुरा इत्यादि अनेक राज्यों में स्थापित आश्रमों के भी महंत हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़ा ने जो जिम्मा सौंपा है, उसे निष्ठा से निभाएंगे। उनका प्रयास रहेगा कि धर्म का प्रचार ज्यादा से ज्यादा हो। भारत का प्राचीन सनातनी गौरव लौटाने के लिए संत समाज को ही पहल करनी होगी। महंत बंसीपुरी के साथी महंत रोशनपुरी को अखाड़ा ने बिहारीपुरी मठ का उपमहंत नियुक्त किया है। इस अवसर पर स्वामी आशुतोषपुरी, महंत रंगनाथपुरी, हंसराज कालड़ा, दर्शनलाल पाहवा, जयपाल शास्त्री, जगदीश वालिया, जीवन दास, प्रेम मदान, यमन सिंह, मंजुला, सरिता ममगई, सुनील सचदेवा, नानक गलहोत्रा, पंडित दीपक, पंडित राजेश, रविशंकर आदि मौजूद रहे।