रक्तदान एक निस्वार्थ सेवा है, रक्त का कोई विकल्प नहीं- डॉ. अशोक कुमार

  • 1989 से कर रहे हैं नियमित रक्तदान
  • 2010 से रक्तदान शिविर भी कर रहे हैं आयोजित

उन्नत केसरी

कुरुक्षेत्र। रक्तदान के क्षेत्र में निरंतर नए उत्साह के साथ आगे बढ़ते हुए 165 बार रक्तदान कर चुके राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता डायमंड रक्तदाता एवं पर्यावरण प्रहरी डॉ. अशोक कुमार वर्मा द्वारा आज रात्रि में 80वीं बार प्लेटलेट्स दान किए गए।

सुचना प्राप्त होने पर वे रात्रि में कुरुक्षेत्र ब्लड सेंटर में प्लेटलेट्स दान करने पहुंचे और प्लेटलेट्स दान किए। डॉ. अशोक कुमार वर्मा 1989 से नियमित रक्तदान कर रहे हैं और वर्ष 2010 से रक्तदान शिविर भी आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने प्लेटलेट्स दान करते हुए कहा कि आज के युग में भी रक्त का अभाव रहता है। एक और रक्त का व्यापारिकरण नहीं होना चाहिए क्योंकि एक व्यक्ति ही दूसरे व्यक्ति को रक्त देकर उसका जीवन बचा सकता है दूसरे रक्तदान कोई पेशा नहीं है अपितु यह एक निस्वार्थ सेवा है।

आज तक भी रक्त का कोई अन्य विकल्प नहीं बना है। उन्होंने कहा सभी व्यक्तियों के लिए रक्त निशुल्क होना चाहिए और यह तब होगा जब सरकारी अस्पतालों में स्वैच्छिक रक्तदान होगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष डेंगू का प्रकोप पिछले वर्षों की तुलना में अभी तक विद्यमान है।

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रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए सरकार को अनेक योजनाएं चलाने की आवश्यकता है। आज भी अनेक ऐसे रक्तदाता हैं जो चुपचाप रक्तदान करके अपने घर चले जाते हैं। मांग के अनुसार पूर्ति को बनाये रखने के लिए रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता के साथ साथ सरकारी रक्त कोषों की स्थिति सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। रक्तदान और प्लेटलेट्स दान का कार्य पूर्ण रूप से सरकार के नियंत्रण में होना चाहिए ताकि निर्धन और जरूरतमंद को समय पर रक्त और प्लेटलेट्स मिल सके।