अपने सपनों का पीछा करें और उन्हें ईमानदारी से पूरा करें :Actor Rajendra Gupta

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

  • शिखा कुमारी ने अपनी पुस्तक हरियाणवी अध्यात्म गीत फिल्मी दुनिया के सितारे राजेंद्र गुप्ता को भेंट की
  • पढ़ाई के साथ छात्र अपनी कला को भी सुधारें: राजेन्द्र गुप्ता
  • राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह में पहुंचे बॉलीवुड अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता ने युवाओं को दिया सफलता का मूलमंत्र

कुरुक्षेत्र, 30 अक्टूबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) के राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह (Ratnavali Program) में रविवार को कुवि के ऑडिटोरियम हाल में प्रख्यात अभिनेता, सुप्रसिद्ध कलाकार एवं कुवि के एलुमनाई राजेन्द्र गुप्ता (Actor Rajendra Gupta) से युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने संवाद कर वार्ता की। उन्होंने अपनी जीवन यात्रा के बारे में बताया कि उन्होंने अपने परिवार वालो की इच्छा के विरूद्ध एक्टिंग को अपने कॅरियर के रूप में चुना और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने दाखिला लिया। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति संवेदनाओं को कुचल सकता है वो बिजनेस में सफल होता है? लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अभिनय को अपने कॅरियर के रूप में चुना। आप अपने सपनों का पीछा करें उन्हें पूरा करें जिसको जो अच्छा लगता है वो ईमानदारी से बिना किसी को नुकसान पहुंचाएं पूरा करें। इसको पूरा करने में समय तो लग सकता है। अपनी मेहनत व कोशिश पर विश्वास रखें व दूसरे का नुकसान न करें। ईमानदारी से अपने सपनों का पीछा करें।

उन्होंने कहा कि नाटक एक खेल है जो पढ़ाई की तरह बोरिंग नहीं है। नाटक में भावनाओं एवं मानवीय मूल्यों का समावेश होता है। उन्होंने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में वर्ष 1963 में यूनिवर्सिटी कॉलेज के बीएससी कैमिस्ट्री आनर्स के विद्यार्थी रहें हैं तथा उसी समय में सुप्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह भी स्नातकोत्तर कक्षा में पढ़ते थे। उन्होंने कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को बधाई देते हुए कहा कि इतने बड़े स्तर पर रत्नावली का आयोजन हरियाणवी संस्कृति को लेकर किया जा रहा है वो काबिल-ए-तारीफ है। शिक्षा और संस्कृति का यह अनूठा मेल बेमिसाल है। इस तरह के आयोजन के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि वो भी हरियाणवी संस्कृति के प्रचार व प्रसार में योगदान दे सकें। अभिनेता एवं कलाकार राजेन्द्र गुप्ता ने सुप्रसिद्ध फिल्म लगान, पृथ्वीराज चौहान सहित नाटक तलाश, इंतजार, चिड़ियाघर एवं चंद्रकांता में अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में अपनी अहम जगह बनाई।

उन्होंने कहा कि हरियाणवी सिनेमा को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाए। उन्होंने हरियाणवी फिल्म दादा लख्मी चंद में अपने रोल के बारे में बताया तथा कहा कि यह एक महत्वपूर्ण फिल्म है। इसे सभी लोग देखें व इसका आनंद उठाए। अच्छा कार्य करें आपका काम बोलता है। इस अवसर पर शिखा कुमारी ने अपनी पुस्तक हरियाणवी अध्यात्म गीत फिल्मी दुनिया के सितारे राजेंद्र गुप्ता को भेंट की।

राजेंद्र गुप्ता ने राजेश्वर वशिष्ठ द्वारा लिखित की कविता भी सुनाई। मर चुका है रावण का शरीर स्तब्ध है सारी लंका सुनसान है किले कही कोई उत्साह नहीं कहीं नहीं चल रहा है कोई दिया। उन्होंने हूबनाथ पांडेय की लिखित कविता सबसे बड़ा झूठ है कि अमर है आत्मा, मरी हुई आत्माओं की शव यात्रा में कई बार शामिल हुआ हूं मैं, कभी-कभी देह से पहले ही मर जाती है आत्मा जिसकी लाश उठाए हुए घिसटते देखे हैं मैने अनगिनत देह को बड़े ही शायराना अंदाज में सुनाया जिसको सभी ने ध्यानपूर्वक सुना।

इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा (VC Prof Som Nath Sachdeva) ने प्रख्यात बॉलीवुड अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता (Actor Rajendra Gupta), कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा (Registrar KUK Dr Sanjeev Sharma), केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबडा, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. आरपी सैनी, प्रो. शुचिस्मिता शर्मा, डीवाईसीए निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. गुरचरण सिंह, महेश जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता विजय नरूला व जयभगवान सिंगला, जगदीश राजपाल व निर्मल सिंह मौजूद थे।