किसी भी विश्वविद्यालय की उन्नति व प्रगति वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों पर निर्भर करती है : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

किसी भी विश्वविद्यालय की उन्नति व प्रगति वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों पर निर्भर करती है : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

कुरुक्षेत्र संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

  • कुवि के अधिकारियों के लिए साप्ताहिक रिफ्रेशर कोर्स का हुआ शुभारंभ

कुरुक्षेत्र, 2 मार्च :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की उन्नति व प्रगति वहां के शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों पर निर्भर करती है। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों को अपना कार्य ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ लगन के साथ करना चाहिए। वे बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ट्रैनिंग, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग सेल द्वारा विश्वविद्यालय के उप-कुलसचिव/ सहायक कुलसिचव/पीएस/ अधीक्षक/उप अधीक्षक/प्रबंधक (प्रकाशन और मुद्रण)
अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने हेतु साप्ताहिक रिफ्रेशर कोर्स के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों व कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के परिणाम स्वरूप ही ए-प्लस ग्रेड व शिक्षा व शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कुवि के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. वाईपी गोस्वामी ने विश्वविद्यालय आचार संहिता/हरियाणा सिविल सेवा नियम के बारे में विस्तार से बताया कि किस प्रकार से कार्य की गोपनीयता बनानी चाहिए, किस तरह से व्यवहार करना चाहिए, किसी भी राजनीतिक दल से सम्बंध नहीं रखना चाहिए, विश्वविद्यालय की आलोचना नहीं करनी चाहिए, भव्य उपहार स्वीकार करने से बचें, हड़ताल आदि में भाग नहीं लेना चाहिए। हमेंशा विश्वविद्यालय के हित में कार्य करना चाहिए।
कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि हम सभी को इस विश्वविद्यालय के चहुंमुखी विकास के लिए मिलकर कार्य करना होगा तभी हम भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।
ट्रेनिंग, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग सेल के नोडल ऑफिसर डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि 3 मार्च को पनिशमेंट एंड अपील रूल्स पर व्याख्यान होगा व इस रिफ्रेशर कोर्स का समापन 8 मार्च को होगा।
इस मौके पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, एचआरडीसी की निदेशिका प्रो. सुदेश, डॉ. हुकम सिंह, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, डॉ. सुनील ढुल आदि मौजूद थे।

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