वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
- प्राकृतिक खेती पर विस्तृत चर्चा
- उन्नत भारत सेवाश्री अवार्ड समारोह के लिए महामहिम को किया आमंत्रित
- राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा प्राकृतिक खेती पर चलाए जा रहे प्रयोगों की डिटेल की सांझा
कुरुक्षेत्र, 10 अगस्त। कुरुक्षेत्र स्थित गुरुकुल में बुधवार को महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने प्राकृतिक खेती पर अपने विचार सांझा किए। चर्चा का विषय नेचुरल खेती द्वारा जमीन को और उपजाऊ और भूमिगत पानी के स्त्रोतों का संरक्षण रहा। इस दौरान महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा प्राकृतिक खेती के फायदे, इस पर हुए शोध और इसके इस्तेमाल पर विस्तृत चर्चा की गई। महामहिम द्वारा सांझा किए गए तथ्यों से साफ जाहिर हुआ की प्राकृतिक खेती और ऑर्गेनिक खेती दोनो अलग-अलग पद्धति हैं। जहां ऑर्गेनिक खेती से पैदावार घटती है वहीं प्राकृतिक खेती से पैदावार में बढ़ोतरी के साथ ही खेती पर होने वाला खर्च भी घटता है जिसके कारण किसानों की आय में भी अत्यधिक बढ़ोतरी होती है। प्राकृतिक खेती के फायदों में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है की इसके कारण खेतों में भूजल का स्तर बढ़ता है और ज़मीन की उपज बनी रहती है।
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल को उन्नत भारत सेवाश्री अवार्ड समारोह हेतु आमंत्रित भी किया गया। संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुषमा नाथ तथा युवा अध्यक्ष अखिल नाथ द्वारा निमंत्रण पत्र देकर महामहिम राज्यपाल को आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर पत्रकार कृष्ण धमीजा, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, डा० आशीष अनेजा एवं एडवोकेट सुचेता भी मौजूद रहे।
बता दें की अवार्ड समारोह दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 31 अगस्त को होने जा रहा है जिसकी अध्यक्षता युवा अध्यक्ष अखिल नाथ द्वारा की जाएगी, एवं समारोह संस्था के चेयरमैन पैट्रन पद्मश्री विजय चोपड़ा के सानिध्य में यह कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा।