वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
- धार्मिक और समाज सेवी संस्थाओं की भागीदारी बहुत जरुरी, सही मायनों में आमजन का है महोत्सव
- सरकार और प्रशासन का कार्य है सिर्फ व्यवस्था बनाना, संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सहयोग से ही महोत्सव को बनाया जाएगा सफल
- कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर 7 से 24 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023, महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम होंगे 17 से 24 दिसंबर तक, असम होगा पार्टनर राज्य
उन्नत केसरी
कुरुक्षेत्र 29 सितंबर : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महोत्सव में शिरकत कर सकते है। इस महोत्सव को समाज सेवी और धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से ही आकार्षक, सफल और यादगार बनाया जा सकता है। इस महोत्सव में सरकार और प्रशासन का कार्य सिर्फ व्यवस्था बनाना है, सही मायने में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव आमजन का उत्सव है। इसलिए सभी के साझे प्रयासों से इस बार भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के हर क्षण और हर कार्यक्रम को बेहतरीन तरीके से आयोजित करना है। अहम पहलू यह है कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन ब्रहमसरोवर पर 7 दिसंबर से लेकर 24 दिसंबर 2023 तक किया जाएगा। इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक आयोजित किए जाएंगे। इस वर्ष मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में मुख्य पांडाल सजाया जाएगा।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती और विधायक सुभाष सुधा शुक्रवार को देर सायं लघु सचिवालय के सभागार में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 के आयोजन को लेकर कुरुक्षेत्र जिले की सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले सभी धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से परिचय करने के उपरांत सुझाव भी आमंत्रित किए गए। इस बार सभी प्रतिनिधियों से लिखित रुप में सुझाव आमंत्रित किए गए है। सीएम के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती जी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का संदेश देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार ही इस बार भी एक साथ कुरुक्षेत्र जिले की सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से लिखित रुप में सुझाव लिए जा रहे है ताकि इन सुझावों के आधार पर महोत्सव के तमाम कार्यक्रमों को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महोत्सव में पहुंचने की पूरी संभावना है। इसी विषय को लेकर ही महोत्सव की तमाम तैयारियां पूरी की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया जा रहा है कि महोत्सव की शोभा यात्रा, ब्रहमसरोवर पर होने वाली सांध्यकालीन आरती, संत सम्मेलन, दीपोत्सव, दीपदान, कथा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी अधिक से अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करें। इन कार्यक्रमों को अच्छे ढंग से आयोजित करने में सभी के सहयोग की जरुरत होगी। जितने भी सुझाव केडीबी के पास पहुंचेंगे, उन सभी सुझावों पर गंभीरता के साथ अमल किया जाएगा। इस बार महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक 8 दिन के होंगे और महोत्सव का आयोजन 7 से 24 दिसंबर तक होगा।
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विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को सफल बनाने में हर बार धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं का अहम योगदान रहता है। सभी संस्थाए महोत्सव के दौरान अपने धार्मिक स्थलों और भवनों को सुंदर और भव्य ढंग से सजाए ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक एक अनूठी याद अपने साथ लेकर वापिस लौटे। इस महोत्सव में शहर के सभी प्रमुख चौंको को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा और मुख्य मार्गों पर तिरंगा लाईटे मेहमानों का स्वागत करेंगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महोत्सव अब कुरुक्षेत्र के प्रत्येक नागरिक का दीपावली जैसा पर्व बन गया है, सभी नागरिक इस महोत्सव का बेसब्री के साथ इंतजार करते है। इस महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जाता है।
एडीसी अखिल पिलानी ने महोत्सव के कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस वर्ष गीता जयंती 23 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन दीपोत्सव, दीपदान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और 18 हजार विद्यार्थियों का वैश्विक गीता पाठ होगा। इस वर्ष मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशानुसार पहली बार महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 8 दिन के होंगे, यह कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक आयोजित किए जाएंगे। हालांकि महोत्सव में शिल्प और सरस मेला 7 से 24 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में पहली बार मुख्य कार्यक्रम 8 दिन के होंगे। इस महोत्सव को सफल और यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार के आदेशानुसार अलग-अलग कमेटियों का गठन कर दिया गया है और प्रत्येक कमेटी की जिम्मेवारी एक आला अधिकारी को सौंपी गई है। इस वर्ष असम राज्य महोत्सव में पार्टनर राज्य के रुप में अपनी भूमिका अदा करेगा।
केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि इस वर्ष भी हरियाणा पैवेलियन, जनसंपर्क विभाग की राज्यस्तरीय प्रदर्शनी, हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम, अंतर्राष्टï्रीय गीता सैमिनार, 18 हजार बच्चों का वैश्विक गीता पाठ, गीता रन, शैक्षणिक गतिविधियों, महाआरती, दीपदान, गीता शोभा यात्रा, पुस्तक मेला, संत सम्मेलन, हरियाणा पैवेलियन, भजन संध्या, 48 कोस तीर्थ सम्मेलन, संत सम्मेलन, फूड फेस्टीवल, जीओआई टैग प्रदर्शनी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं द्वार प्रदर्शनी, ऑनलाईन गीता क्विज के साथ-साथ स्कूली विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर 48 कोस तीर्थ कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, हरियाणा पशुधन एवं डेयरी विकास निगम के चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि बतान, जिप के वाईस चेयरमैन धर्मपाल चौधरी, जिप के पूर्व चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी, भद्रकाली शक्तिपीठ के संचालक सतपाल शर्मा, श्री स्थाणेश्वर महादेव मंदिर के पीठाधीश बंसीपुरी महाराज सहित अन्य अधिकारी, केडीबी सदस्य अशोक रोशा, कैप्टन कर्मजीत सिंह, एमके मोदगिल, मलकीत सिंह, सुशील राणा, युद्घिष्ठïर बहल, रामधारी शर्मा, जसविंद्र सैनी, जयसिंह पाल, सुरेंद्र कुमार जैन, रामकुमार रम्बा, पवन गुप्ता, ओमपाल कश्यप, संजीव कुमार, संजय कौशिक, एआर चौधरी, संजय कुमार, सुरेंद्र सिंह, राम कुमार, परमजीत सिंह, अतुल सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि और गणमान्य लोग उपस्थित थे।