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पुस्तक मेले में डा. जय भगवान सिंगला की 29वीं पुस्तक हमारी समृद्ध विवाह परम्पराएं का हुआ विमोचन

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

  • भारतीय परम्पराओं को छोड़ कर संक्षिप्त जीवन में आ गए हैं : डा. जय भगवान सिंगला

उन्नत केसरी

कुरुक्षेत्र, 25 नवम्बर: कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती (International Geeta Jayanti, Kurukshetra 2022) के अवसर पर प्रेरणा संस्था एवं प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक, नगर के प्रमुख उद्योगपति एवं साहित्यकार डा. जय भगवान सिंगला (Dr Jai Bhagwan Singla) द्वारा भारतीय संस्कारों एवं परम्पराओं को लेकर लिखी उनकी 29वीं पुस्तक हमारी समृद्ध विवाह परम्पराएं का शुक्रवार का विमोचन किया गया। इस पुस्तक के विमोचन अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (Kurukshetra Development Board) के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं निदेशक डा. वीरेंद्र चौहान (Dr Virendra Chauhan) ने की। जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. सी.डी.एस. कौशल मौजूद रहे। जिन्होंने पुस्तक के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की। मुख्य अतिथि के.डी.बी. के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर गीता यह जो पुस्तक मेला लगा है, काफी प्रेरणादायक एवं अद्भुत है। उन्होंने देश विदेश से अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर कुरुक्षेत्र आने वाले लोगों से कहा है कि गीता पुस्तक मेले में अवश्य आएं। इस मेले में गीता प्रेस गोरखपुर, सुरुचि प्रकाशन जैसे देश के विख्यात प्रकाशन संस्थान इस पुस्तक मेले में शामिल हो रहे हैं। छाबड़ा ने ग्रंथ अकादमी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों को पुस्तकें पढ़ने की आदत डालें। हरियाणा ग्रंथ अकादमी द्वारा भव्य पुस्तक मेला लगाया गया है। पुस्तक मेले के संयोजक आशुतोष कौशल ने बताया कि हरियाणा ग्रंथ अकादमी प्रत्येक वर्ष गीता जयंती के अवसर पर गीता पुस्तक मेले का आयोजन करती है। उन्होंने बताया कि पहले पुस्तक मेला 5 दिवसीय हुआ करता था। इस बार पुस्तक मेला 19 नवम्बर से 6 दिसम्बर तक चलेगा।

उन्होंने कहा कि पहले लोग पुस्तकें देखने के उपरांत जब तक पुस्तकें खरीदने का मन बनाते थे तो तब तक पुस्तक मेला ही समाप्त हो जाता था। इस बार समय विस्तार करते हुए प्रयास किया है कि अधिक से अधिक लोग पुस्तक मेले को देखें। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि बच्चे किताबें नहीं पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम घरों में किताबें ही उपलब्ध नहीं करवाएंगे तो बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत कैसे होगी।प्रेरणा संस्था एवं वृद्धाश्रम के संस्थापक डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव चल रहा है। ऐसे अवसर पर हमारी किसी पुस्तक का विमोचन होता है तो मन को काफी प्रसन्नता होती है। उन्होंने बताया कि अभी तक उनकी 28 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं लेकिन उनकी 29वीं पुस्तक बहुत ही विशेष है। उन्होंने बताया कि हमारी जो विवाह शादी इत्यादि की परम्पराएं छूट रही हैं तथा लुप्त हो रही हैं, उन्हीं सभी परम्पराओं को याद करवाने का प्रयास किया है। सिंगला ने कहा कि लोगों को लुप्त हुई भारतीय परम्पराओं से जोड़ने का प्रयास किया है क्योंकि इन में पूरे समाज को जोड़ने की कला है। इन परम्पराओं में हर जाति एवं वर्ग को एक दूसरे से जोड़ने की शक्ति थी। अब उन परम्पराओं को छोड़ कर संक्षिप्त जीवन में आ गए हैं। सिंगला ने बताया कि इस पुस्तक को लिखने का उनका उद्देश्य यह है कि बच्चे और युवा पुस्तक को पढ़कर अपनी परम्पराओं एवं रीति रिवाजों के महत्व को समझें।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति एवं संस्कारों को समझना होगा। प्रो. वीरेंद्र चौहान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर हरियाणा ग्रंथ अकादमी ने पुस्तक मेले का आयोजन किया है। देशभर के प्रकाशक इस पुस्तक मेले में अपनी पुस्तकें लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर प्रयास है कि पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों को अच्छी पुस्तकें खरीदने के लिए मिलें। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर देशभर के प्रकाशकों के साथ हरियाणा ग्रंथ अकादमी एवं राज्य सरकार की अन्य अकादमियों के स्टाल भी यहां लगे हैं। उन्होंने बताया कि यहां प्रतिदिन अनेक पुस्तकों का विमोचन होगा तथा पुस्तकों एवं साहित्य पर चर्चा होगी। देश के बड़े विद्वानों की आपसी चर्चा होगी। इस अवसर पर कवयित्री गायत्री कौशल, प्रेरणा संस्था अध्यक्षा रेणु खुंगर, आशा सिंगला इत्यादि भी मौजूद थी।

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