टालमटोल में फंसा भविष्य

deadlines article on procrastination by akhil nath
deadlines article on procrastination by akhil nath

उन्नत केसरी

  • Procrastination article published in Unnat Kesri Newspaper on 12th December 2022 (Written by Akhil Nath)

विलंब यानी टालमटोल (procrastination) का शिकार आज का आधा युवा है। स्टडीज से पता चलता है कि शिथिलता या प्रोक्रस्टिनेशन (टालमटोल) लगभग 15%-20% वयस्कों को लंबे समय तक प्रभावित करती है और लगभग 25% वयस्क शिथिलता या प्रोक्रस्टिनेशन (टालमटोल) को उनके लिए एक परिभाषित व्यक्तित्व विशेषता मानते हैं। दिनचर्या के सभी ज़रूरी कामों को करने का महत्व पता होते हुए भी आज का युवा इस मनोस्थिति से जूझ रहा है।

क्या है प्रोक्रस्टिनेशन? (What is Procrastination)

जब इंसान ऐसी मनोस्थिति का आदि हो जाए की वह जानते हुए कार्यों को न करने के हानिकारक प्रभाव होंगे तब भी कार्यों को टालता जाए उसे कहते हैं प्रोक्रस्टिनेशन। मनोविज्ञान के मुताबिक इसके कई कारण हैं। जिनमे सबसे ज़्यादा प्रभावी और सामान्य कारण हैं। आत्मविश्वास की कमी (lack of self confidence), एंग्जायटी (axiety), स्ट्रेस (stress), स्ट्रक्चर की कमी (lack of work structure), खुदको काम के प्रति उत्साहित कर पाने (unable to motivate yourself) में असमर्थता है।
प्रोक्रस्टिनेशन आज इतनी समान्य स्थिति है की लोग इससे अनजाने में भी जूझ रहे होते हैं और उन्हें पता भी नहीं होता।

क्या है नुक्सान? (Harms of Procrastination)

टालमटोल करने से अक्सर तनाव और चिंता में वृद्धि होती है, साथ ही किसी परियोजना को पूरा करने की ओर भागते समय गलतियाँ करने की संभावना होती है। सबसे खराब स्थिति में, चीजों को आखिरी मिनट तक टालने से आप एक महत्वपूर्ण समय सीमा चूक सकते हैं। जिससे करियर ग्रोथ भी प्रभावित होती है, और आत्मविश्वास में और कमी आने लगती है, जिससे काम को पूरा करने में उत्साह और गिरता जाता है यही साईकल एक अनंत रूप लेकर इसे बेहद खतरनाक स्थिति पर ले आती है। साथ ही डर और चिंता के इमोशनल इम्बैलेंस भी देखा जाता है, जिससे पारिवारिक रिश्तों में भी तनाव की वृद्धि होती है।

कैसे सुधारें? (How to Improve)

वैज्ञानिकों की माने तो इसका सबसे आसान और असरदार तरीका है काम को पूरा करने के लिए खुद को उत्साहित रखना (Motivate yourself to complete the task)। जिसके कई तरीके हैं, जिसमे काम को छोटे और आसान भागों में बाँट कर पूरा करने का प्रयास करना (Divide work into attainable steps), पहले भाग को पूरा करने के लिए खुद को बांधे रखना (Commit to completing the tasks), गलतियों को स्वीकार करना (accept mistakes), फैसलों को आसान बनाना (Make decisions easy), कार्यों को मज़ेदार बनाना (make tasks joyful), हर कार्य को संपन्न करने पर खुदको पुरुस्कृत करना (Reward yourself on completion), कार्यों को प्राथमिकता देना (prioritize your work), लक्ष्य और समयसीमा तय करना (create deadlines), खुदको उत्तरदायी मानना (hold yourself accountable), और ध्यान के भटकाव (reduce distractions) को काम करना शामिल हैं।


Akhil Nath

— Anna Wong, Volunteer