पुणे, महाराष्ट्र। हाल ही में पुणे के ‘डॉन बॉस्को युवा केंद्र’ में ‘काशी हिन्दी विद्यापीठ’, सोनभद्र, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में विद्यापीठ के कुलाधिपति श्री सुख मंगल सिंह मंगल ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उन्हें शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन कुलपति डॉ. संभाजी राजाराम बाविस्कर द्वारा किया गया, जबकि संयोजन और संचालन की जिम्मेदारी डॉ. आर. ऑलविन देवदास ने कुशलतापूर्वक निभाई।
कुलाधिपति का प्रेरणादायक संबोधन
मुख्य अतिथि श्री सुख मंगल सिंह मंगल ने अपने संबोधन में महाराष्ट्र की ऐतिहासिक भूमि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “यह शिवाजी महाराज की वीर भूमि है, जहाँ के योद्धाओं और विद्वानों का पराक्रम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। इस भूमि पर मेरा सम्मान किया जाना गर्व की बात है।” उन्होंने यह भी कहा कि काशी हिन्दी विद्यापीठ के उद्देश्यों को महाराष्ट्र में व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि महाराष्ट्र के लोग हिंदी भाषा और साहित्य के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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डॉ. आर. ऑलविन देवदास को महत्वपूर्ण नियुक्ति
बैठक में एक और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिसके तहत डॉ. आर. ऑलविन देवदास को काशी हिन्दी विद्यापीठ का प्रति कुलपति नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति महाराष्ट्र में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है। डॉ. देवदास ने अपनी नई जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अपना पूरा सहयोग देने का संकल्प व्यक्त किया।
कोर समिति गठन की घोषणा
कुलपति डॉ. संभाजी राजाराम बाविस्कर ने घोषणा की कि पुणे में शीघ्र ही एक समिति का गठन किया जाएगा, जो विद्यापीठ के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेगी। समिति के गठन के बाद, इसे कुलसचिव के पास भेजा जाएगा।
प्रबंधन और आयोजन की सराहना
कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कुलपति, संयोजक और पूरे प्रबंधन की व्यापक सराहना की गई। सभा के दौरान, आए हुए सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया गया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. आर. ऑलविन देवदास के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने कहा, “यह हमारा सौभाग्य है कि काशी हिन्दी विद्यापीठ के कुलाधिपति और कुलपति ने हमारे अनुरोध पर पुणे आने का समय दिया। आप सभी ने हमें कृतार्थ किया। पुनः हृदय से धन्यवाद।”
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
बैठक के इस सफल आयोजन ने काशी हिन्दी विद्यापीठ के उद्देश्यों को महाराष्ट्र में मजबूती प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रबंधन और कोर समिति की कुशलता और समर्पण की सभी ओर प्रशंसा हो रही है। यह कार्यक्रम हिंदी भाषा और संस्कृति के उत्थान की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।