लिवर मनुष्य के शरीर का महत्वपूर्ण अंग : डॉ. आशीष अनेजा

उन्नत केसरी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

  • विश्व स्वास्थ्य दिवस पर फैटी लीवर संबंधी समस्याओं के लिए किया जागरूक

कुरुक्षेत्र, 7 अप्रैल: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केन्द्र के एडमिनिस्ट्रेटर, गैपियो सदस्य, आरएसएसडीआई सदस्य एवं मेडिकल ऑफिसर, डॉ. आशीष अनेजा के द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस पर फैटी लीवर से संबंधित समस्याओं को लेकर लोगों को जागरूक किया। डॉ. अनेजा ने बताया कि लिवर हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जिसका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। मानव की अनियंत्रित जीवन शैली और गलत खान-पान के कारण फैटी लीवर जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। फैटी लिवर एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें लिवर में फैट जिसे हम हिंदी में वसा या चर्बी कहते हैं, का जमाव हो जाता है। इसका कारण हैं शराब का सेवन, अनावश्यक दवाइयों का सेवन, कुछ तरह के वायरस इनफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस-सी आदि होता है लेकिन वर्तमान में इसका प्रमुख कारण हमारी अनियंत्रित लाइफस्टाइल और गलत खान-पान इसका मुख्य कारण है।

डॉ. अनेजा ने बताया कि शुरुआती चरण में फैटी लिवर बीमारी का पता पेट के अल्ट्रासाउंड द्वारा लगाया जाता है, जो लक्षणरहित शिकायतों, जैसे पेट में दर्द के कारण किया जाता है। हालांकि इस बीमारी का शुरुआत में कोई विशेष लक्षण नहीं होता है, लेकिन यह बीमारी उन लोगों में होने की संभावना ज्यादा होती है, जिन्हें डायबिटीज़ हो या जिनमें लिपिड असामान्य हो। उन्होंने बताया कि लिवर हमारे शरीर का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे द्वारा खाए एवं पीये जाने वाले पदार्थों से पोषक तत्वों को संसाधित करने का कार्य करता है। साथ ही रक्त से गंदगी, हानिकारक पदार्थों या टॉक्सिन्स को फिल्टर करने में भी लिवर की अहम भूमिका होती है। लेकिन वर्तमान समय में खराब-खानपान और जीवनशैली की आदतों की वजह से लिवर से जुड़ी कई समस्याएं बहुत आम हो गई हैं।

फैटी लिवर के लक्षण एवं कारण

फैटी लिवर की समस्या होने पर मरीजों को पेट में दाईं ओर मध्यम ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, जो अत्यधिक फैट जमा हो जाने के कारण लिवर में सूजन के कारण होता है। इसके लक्षण आँखों में भी दिखाई देते हैं, उनमें पीलिया के कारण आँखों का पीला पड़ जाता है। फैटी लिवर के कारण भूख कम होने लगती है तथा कुछ लोगों का वजन भी एक दम से गिरने लगता है। इसके अलावा शिथिल जीवनशैली, व्यायाम की कमी, अनुवांशिक प्रवृत्ति, और दवाइयों के साईड इफेक्ट्स के कारण भी मदिरापान किए बगैर लिवर में अत्यधिक फैट जमा हो सकता है। दवाइयों के कारण भी फैटी लिवर हो जाता है, जो कुछ दवाइयों के साईड इफेक्ट के कारण होता है, जिनकी वजह से लिवर में फैट एकत्रित हो जाता है।

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फैटी लिवर से बचने के उपाय

डॉ. आशीष अनेजा ने बताया कि जीवनशैली और खानपान की आदतों में कुछ मामूली बदलाव के साथ आप फैटी लिवर की समस्या से आसानी से बच सकते हैं, सिर्फ इतना नहीं इससे संपूर्ण स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। शराब एवं धूम्रपान के सेवन से सख्त परहेज करें तथा शरीर का वजन न ज्यादा बढ़ने दें न कम होने दें। खाने में जंक, प्रोसेस्ड, पैकेज्ड और ज्यादा नमकीन फूड्स से सख्त परहेज करें एवं अपने ब्लड शुगर लेवल और ट्राइग्लिसराइड की नियमित जांच कराकर कंट्रोल रखें। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, जिसमें सेचुरेटेड, ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट कम मात्रा में हो। प्रतिदिन नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरूर करें। इसके लिए जिम जाकर, योग करके या पैदल चलकर, साइकिलिंग, स्विमिंग, दौड़ के द्वारा भी फैटी लिवर को नियंत्रित किया जा सकता है।

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